Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kalash Sthapana Muhurat 2025: शारदीय नवरात्र कलश स्थापना के लिए हैं 2 मुहूर्त, ज्योतिषाचार्य से जाने शुभ समय

    Updated: Sat, 20 Sep 2025 02:19 PM (IST)

    आज पितृ विसर्जन के बाद कल से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है। कलश स्थापना के लिए सुबह का समय और अभिजीत मुहूर्त शुभ हैं। इस बार नवरात्रि दस दिनों की होगी जिसमें मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाएगी। शहर से गांव तक पंडाल सज रहे हैं। साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भी आज है पर भारत में न दिखने से धार्मिक कार्य यथावत होंगे।

    Hero Image
    शारदीय नवरात्र कलश स्थापना के लिए हैं 2 मुहूर्त

    जागरण संवाददाता, बक्सर। रविवार को पितृ विसर्जन है, इसके अगले दिन सोमवार से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो जाएगा। इसमें कलश स्थापना के लिए सोमवार की सुबह और अभिजीत मुहूर्त (11:24 से 12:24 बजे) का समय कर्मकांडियों ने सर्वसिद्धिदायक बताया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बताते चलें कि चतुर्थी तिथि दो दिन होने से इस बार नवरात्रि कुल 10 दिनों की हो रही है। आचार्य नवरात्रि तिथि के पूर्ण होने या बढ़े रहने को शुभ मानते हैं। इन दिनों में भक्त, मां के अलग-अलग उग्र व सौम्य रूपों की उपासना करेंगे।

    मान्यता है कि आदि शक्ति मां दुर्गा विपत्तियों की संहर्ता हैं। नवरात्रि की पूजा लोगों के घरों में तो होगी ही, सामूहिक पूजा भी बड़े धूमधाम से होगी। इसके लिए शहर से गांव तक पूजा पंडाल स्थापित करने की तैयारी तेज गति से जारी है।

    समितियां पूजा कार्यक्रम को लेकर काफी उत्साहित हैं। शहर में ही लगभग दो दर्जन से अधिक मां दुर्गा के पंडाल स्थापित हो रहे हैं। पंडालों में स्थापित मां दुर्गा का मुख (पट) सप्तमी तिथि में खोल दिया जाएगा।

    चार दिवसीय उमंग व उत्साह के इस मेले में रात और दिन का फर्क मिट जाता है तथा इस अलौकिक दृश्य को देखने को दूर-दराज से बहुत अधिक भीड़ उमड़ती है। सबसे अधिक भीड़ किला मैदान में आयोजित रावण वध कार्यक्रम में होती है, जो दो अक्टूबर को है।

    नवरात्रि में देवी का आवाहन-प्रवेशन-पूजन प्रातः उचित

    ज्योतिषाचार्य पंडित नरोत्तम द्विवेदी बताते हैं कि देवी भागवत् के अनुसार नवरात्र में देवी का आवाहन-प्रवेशन-पूजन और विसर्जन प्रात:काल में करना चाहिए। "विष्णुधर्मोत्तर" के अनुसार भास्करोदयमारभ्य यावत्तु दश नाडिका, प्रात:काल इति प्रोक्त: स्थापनारोपणादिषु।

    अर्थात् कलश स्थापन का मुख्य काल सूर्योदय से दश घटी यानी चार घंटा तक ही होता है। इसे देखते हुए कलश स्थापना का मुहूर्त सूर्योदय काल में सुबह का समय उचित होता है। अभिजित् मुहूर्त दिन के 11:24 से 12:24 बजे भी कलश स्थापना सर्व सिद्धिदायक होगा।

    साल 2025 का आखिरी सूर्यग्रहण आज

    पितृ विसर्जनी अमावस्या के दिन रविवार को साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है, जो देश में न दिखने से सूतक काल नहीं होगा और धार्मिक कार्य अपने समयानुसार होंगे।

    आचार्य ने बताया कि ग्रहण आश्विन कृष्णपक्ष की अमावस्या को कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा।

    सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार रात्रि 10:59 से शुरू होकर 3:23 बजे समाप्त होगा, जो मुख्य रूप से न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, फिजी आदि में देखा जा सकेगा।

    आश्विन शुक्लपक्ष के प्रमुख व्रत-त्योहार

    नवरात्रि 22 से आरंभ, महानिशा पूजा 29 को, महाष्टमी पूजा 30 को, महानवमी पूजा 01 अक्टूबर को, विजयादशमी 02 अक्टूबर को, एकादशी व्रत 03 अक्टूबर को, शरद पूर्णिमा 06 अक्टूबर को एवं स्नान-दान की पूर्णिमा 07 अक्टूबर को।