गिर गईले हो बक्सर किला में ओढनिया..
बक्सर शुक्रवार को ट्रैक्टर सुमो बस आदि विभिन्न वाहनों पर नाते-रिश्तेदारों संग सवार श्रद्धाल

बक्सर : शुक्रवार को ट्रैक्टर, सुमो, बस आदि विभिन्न वाहनों पर नाते-रिश्तेदारों संग सवार श्रद्धालु महिलाएं गिर गईले बक्सर किला में ओढनिया., टोला-मोहल्ला के फेरू लेके अइबो गंगा मइया. आदि सोहर और उत्साह उमंग के गीत गा रही थीं, जो सबों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किए हुए थीं। ये सभी महिलाएं संतान सलामती की आस्था लिए प्रसिद्ध पौराणिक स्थल रामरेखाघाट पर गंगा पूजन करने को पहुंची हुई थी। भीड़ का आलम यह था कि पड़ाव बना किला मैदान आज वाहनों से खचाखच भरा हुआ था।
वैसे तो पिछले दस दिनों से प्राय: हर दिन रामरेखाघाट पर मुंडन संस्कार को श्रद्धालुओं की भीड़ जुट रही है, लेकिन किसी-किसी दिन आस्थावानों का रेला उमड़ पड़ रहा है। दरअसल, हिदू धर्म के महत्वपूर्ण सोलह संस्कारों में मुंडन संस्कार को आठवां माना गया है और ऋषि-मुनियों की तपोस्थली तथा गंगा की धारा उत्तरायणी होने से इस स्थल का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस कारण पौराणिक स्थल रामरेखाघाट पर आज हजारों की संख्या में आस्थावानों की भीड़ उमड़ी हुई थी। इस कारवां में उत्तरप्रदेश के सीमावर्ती जनपद से भी लोग पहुंचे हुए थे। यह तो शुक्र है कि स्टेशन रोड व रामरेखा घाट रोड के चौड़ीकरण व सड़क मध्य डिवाइडर दिए जाने से जाम की समस्या पूरे दिन में एक बार भी बनते आज नहीं दिखाई दी। इस दौरान श्रद्धालुओं ने अपने वाहन किला मैदान में खड़े किए हुए थे। जो गंगा घाट पहुंचकर स्नान किए और विधि-विधान से बच्चे का मुंडन कराकर गंगा पूजन किए। इसके बाद सगे-संबंधियों के साथ प्रसाद ग्रहण किए। घाट के पंडितों ने बताया कि श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला सुबह से ही लगा हुआ है। पंडित सुदर्शन पांडेय का कहना था की अन्य तीज-त्योहारों की तरह ही मुंडन संस्कार में तिथि वार के अनुरूप शुभ मुहूर्त की गणना पंचांग के माध्यम से की जाती है। उसमें सोमवार व शुक्रवार को विशेष भीड़ उमड़ती है।
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