कुपोषण पर वार करेगा पोषण ट्रैकर एप, देगा सही जानकारी
बक्सर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय समेकित बाल विकास सेवा (आइसीडीएस) के तहत आंगनबाड़ी के ...और पढ़ें

बक्सर : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय समेकित बाल विकास सेवा (आइसीडीएस) के तहत आंगनबाड़ी के समग्र क्रियान्वयन के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पोषण ट्रैकर बनाया गया है। अब इसके अंतर्गत आंगनबाड़ी के माध्यम से चलने वाली योजनाएं और उसके लाभुक डिजिटल मोड में रहेंगे। इससे एक तरफ जहां योजनाओं की मॉनीटरिग बेहतर ढंग से हो सकेगी। वहीं, इसमें लाभुकों की भी पूरी जानकारी दर्ज रहेगी। दूसरे शब्दों में कहें तो कुपोषण से बचाव के लिए पोषण ट्रैकर एप कारगर सिद्ध होगा।
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आइसीडीएस तरणि कुमारी ने बताया कि आंगनबाड़ी सेविकाओं को इसका प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। प्रशिक्षण कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से दिया जा रहा है। इस दौरान उन्हें एप के संचालन के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। डीपीओ ने बताया कि आइसीडीएस से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और आंगनबाड़ी केंद्रों के अनुश्रवण (मानीटरिंग) को प्रभावकारी बनाने के लिए विभागीय स्तर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों की सतत निगरानी और अनुश्रवण के लिए नया मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया गया है। पोषण ट्रैकर नाम के इस एप के उपयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों का सतत मूल्यांकन और निगरानी आसान होगा। उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्थित कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से इसका प्रशिक्षण सेविकाओं को दिया जा रहा है।
पोषण ट्रैकर ने लिया आइसीडीएस केस की जगह
आइसीडीएस के जिला समन्वयक महेन्द्र कुमार ने बताया कि पोषण ट्रैकर एप से पहले केंद्रों के अनुश्रवण के लिए आइसीडीएस केस नामक एप्लीकेशन का उपयोग किया जाता था। हालांकि, अब विभाग ने इसके उपयोग व प्रयोग संबंधी प्रशिक्षण पर रोक लगाने की घोषणा की है। अब इसकी जगह पर पोषण ट्रैकर एप का उपयोग किया जाना है। ताकि, सेवाओं की गुणवत्ता का बेहतर अनुश्रवण हो सके।
कैसे काम करेगा मोबाइल एप
दरअसल, टीएचआर से संबंधित जानकारी हो या शून्य से तीन या फिर तीन से छह साल तक के बच्चों की जानकारी अब सारा कुछ मोबाइल एप पर दर्ज रहेगा। यही नहीं गर्भवती एवं धात्री माताओं का डिटेल भी इस मोबाइल एप में दर्ज रहेगा। इससे आसानी से डैश बोर्ड के माध्यम से यह पता लगाया जा सकेगा कि किसी जिले में कितने बच्चे कुपोषण के शिकार हैं या कितने बच्चे नाटेपन के शिकार हैं।
प्रशिक्षण में दी जा रही विस्तृत जानकारी
सदर प्रखंड के कॉमन सर्विस सेंटर दलसागर के संचालक जितेन्द्र कुमार चौबे ने बताया कि आंगनबाड़ी सेविकाओं को इस मोबाइल एप को मोबाइल में डाउनलोड करने के बाद उसमें पंजीकृत होने से लेकर किन जानकारियों को कैसे अपलोड करना है आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की जा रही है। डीपीओ ने बताया कि फिलहाल तीन प्रखंडों में इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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आइसीडीएस से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और आंगनबाड़ी केंद्रों के अनुश्रवण (मॉनीटरिंग) को प्रभावकारी बनाने के लिए नया मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया गया है। पोषण ट्रैकर नाम के इस एप के उपयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों का सतत मूल्यांकन और निगरानी आसान होगा।
तरणि कुमारी, डीपीओ आइसीडीएस, बक्सर।

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