By Rajesh TiwariEdited By: Prateek Jain
Updated: Tue, 18 Jul 2023 06:12 PM (IST)
अब फाइलेरिया से ग्रस्त हाथीपांव मरीज भी दिव्यांग की श्रेणी में आएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे मरीजों को दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल कर सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने की कवायद शुरू की है। इसमें मुख्य रूप से मरीजों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिलाने की योजना को शामिल किया गया है। इस योजना के तहत फाइलेरिया नियंत्रण विभाग द्वारा हाथीपांव प्रभावित मरीजों को चिह्नित किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, बक्सर: अब फाइलेरिया से ग्रस्त हाथीपांव मरीज भी दिव्यांग की श्रेणी में आएंगे। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे मरीजों को दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल कर सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने की कवायद शुरू की है। इसमें मुख्य रूप से मरीजों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिलाने की योजना को शामिल किया गया है।
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इस योजना के तहत फाइलेरिया नियंत्रण विभाग द्वारा हाथीपांव प्रभावित मरीजों को चिह्नित किया जा रहा है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि जिले में 10 अगस्त से फाइलेरिया उन्मूलन के लिए अभियान चलाया जाना है।
हाथीपांव के मरीजों को खोजने का चल रहा अभियान
बताया कि फाइलेरिया के हाथीपांव के मरीजों को खोजने का अभियान चल रहा है। ऐसे कई मरीज जो हाथीपांव की गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उनकी जांच कर उन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा। चालीस प्रतिशत से अधिक अपंगता मिलने पर हाथीपांव के मरीजों को यह दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत होगा।
डॉ. शैलेंद्र ने बताया कि हाथीपांव के मरीज जिन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा, वे इस प्रमाण पत्र की मदद से राज्य तथा केंद्र सरकार द्वारा दिव्यांगों को मिलने वाली योजनाओं का लाभ समान रूप से ले सकते हैं। इनमें रेलवे यात्रा के दौरान मिलने वाली छूट, विकलांगता पेंशन तथा अन्य प्रकार के लाभ शामिल हैं।
राज्य आयुक्त नि:शक्तता द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि हाथीपांव से ग्रसित मरीज को दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल किया जाए।
नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज है फाइलेरिया
डॉ. शैलेंद्र ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है। यह नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज की श्रेणी में आता है। फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे धीरे यह गंभीर रूप लेने लगता है।
हालांकि, इसकी नियमित और उचित देखभाल कर जटिलताओं से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए समय-समय पर सरकार द्वारा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाता है, जिसके तहत घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाती है।
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