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    Paddy Price: किसानों को कितना मिल रहा धान का रेट? बाजार और सरकार की कीमत में जमीन-आसमान का अंतर, देखें लिस्ट

    Updated: Wed, 27 Nov 2024 05:39 PM (IST)

    बिहार में धान की खरीदारी शुरू हो गई है जिसमें अब तक 230.67 टन धान की खरीद हुई है। यहां सबसे बड़ा सवाल है कि बाजार और सरकार की कीमत में कितना फर्क है। इस साल धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 117 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है। किसानों को धान की बिक्री के लिए सहकारी समितियों में जाना होगा जहां उन्हें कई झमेलों का सामना करना पड़ सकता है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, बक्सर। पैक्स चुनाव के समय भी किसानों से धान की खरीद सहकारी समितियों में हो रही है। पिछले साल की तुलना में इस साल धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी 117 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा है। कटाई के साथ बिक्री करने में किसान अपनी रुचि दिखा रहे हैं। 15 नवंबर से सरकारी खरीद शुरू है।

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    करीब 12 दिन गुजरने के बाद बुधवार तक 230.67 एमटी धान की खरीद विभाग ने की है। खरीदारी के लिए सतत निगरानी रखने की बात सहकारिता विभाग के अधिकारी कर रहे हैं।

    ये है धान की कीमत

    • धान खरीद के लिए सरकार ने इस साल एमएसपी सामान्य का 2300 और ग्रेड ए का 2320 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है
    • पिछले साल सामान्य धान 2183 व ग्रेड ए 2204 रुपये सुनिश्चित था।
    • अभी बाजार भाव सामान्य धान का 2100 से 2150 रुपये तक मिल रहा है, जबकि ग्रेड ए का दाम 2350 से अधिक हो गया है।
    • खेत व खलिहान से धान की खरीद व्यवसायी अपने मजदूरों तथा अन्य संसाधनों के माध्यम से कर रहे हैं।
    • व्यापारी के हाथों धान बेचने में किसानों को किसी प्रकार की मेहनत व आर्थिक खर्चा नहीं करना पड़ रहा है, जबकि सहकारी समितियों में बिक्री में कई तरह के झमेले हैं।
    • पहले खलिहान से अपनी बोरी में मजदूरों के सहारे भरकर वाहनों से बिक्री केंद्र पर ले जाना पड़ता है।
    • इसमें विभिन्न प्रकार से अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ता है।
    • इससे बचाव के लिए किसान व्यवसायी को धान की बिकी करते हैं। जिले में धान खरीद का आंकड़ा अभी काफी कम है।

    बुधवार की शाम तक इतनी हुई धान की खरीद

    बुधवार की शाम तक 126 पैक्स एवं सात व्यापार मंडल में मात्र 230.67 टन धान की खरीद हो पाई है, वह भी 32 किसानों से। अब गति पकड़ चुकी है धान की कटनी जिले में धान की कटनी अब जोर पकड़ चुकी है। अधिकतर इलाकों से धान की कटनी 15 से 20 दिसंबर तक पूरी होने की उम्मीद है।

    हालांकि नहरों से जुड़े निचले इलाकों में धान की कटनी जनवरी तक चल सकती है। एमएसपी पर धान बेचने के लिए नमी 17 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। अभी जो धान कटकर आ रहा है, उसमें नमी की मात्रा अधिक मिल रही है। हार्वेस्टर से काटे गए धान की नमी कम होने में अधिक वक्त लग रहा है, जबकि हाथों से काटे गए धान में नमी जल्दी कम हो रही है।

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