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    बक्सर में लो वोल्टेज के कारण पांच दिनों से बंद है निकृष पंप कैनाल, किसानों के लिए आफत

    Updated: Tue, 15 Jul 2025 02:49 PM (IST)

    चौसा प्रखंड के अंतर्गत निकृष पंप कैनाल पिछले पांच दिनों से पूरी तरह ठप पड़ी हुई है। इसका कारण लगातार लो वोल्टेज की समस्या बतायी जा रही है। पर्याप्त वोल्टेज नहीं मिलने से मोटर चालू नहीं हो पा रही है। इस वजह से नहरों में पानी नहीं पहुंच रहा है और धान की बुआई समेत अन्य कृषि कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

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    किसान संवाद :: लो वोल्टेज के कारण पांच दिनों से बंद है निकृष पंप कैनाल

    संवाद सहयोगी, चौसा (बक्सर)। जिले के किसानों के सामने इस समय सबसे बड़ी चुनौती सिंचाई की व्यवस्था को लेकर खड़ी हो गयी है। चौसा प्रखंड के अंतर्गत निकृष पंप कैनाल पिछले पांच दिनों से पूरी तरह ठप पड़ी हुई है। इसका कारण लगातार लो वोल्टेज की समस्या बतायी जा रही है। पर्याप्त वोल्टेज नहीं मिलने से मोटर चालू नहीं हो पा रही है। इस वजह से नहरों में पानी नहीं पहुंच रहा है और धान की बुआई समेत अन्य कृषि कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

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    स्थानीय किसानों ने बताया कि दशकों के इंतजार के बाद हाल ही में पंप कैनाल को चालू कराया गया। इससे निकृष, रामपुर, डिहरी, नागपुर समेत दर्जनों से अधिक गांवों के खेतों को सिंचाई की सुविधा मिलनी है। सबको आशा थी कि सिंचाई सुविधा के अभाव में मृत पड़ चुके खेतों में इस बार फसल लहलहायेगी। लेकिन खरीफ फसल के लिए सिंचाई के मौके पर पम्प कैनाल बिजली के अभाव फेल हो गयी है।

    यहां बिजली की आपूर्ति में घोर लापरवाही देखने को मिल रही 220 वोल्ट की जगह 120 से 150 वोल्ट ही सप्लाई मिल रही है, जिससे पंप चालू नहीं हो पा रहा है। बरसात कम होने के कारण इस बार नहरों से सिंचाई की उम्मीद थी, लेकिन, अब वह भी अधूरी नजर आ रही है। पंप हाउस के कर्मियों ने बताया कि बिजली कंपनी को इसकी जानकारी दी गयी है, लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है। इस क्षेत्र के दर्जनों से ऊपर गांवों के किसान प्रभावित हैं।

    वे रोज नहर पर जाकर इंतजार करते हैं कि पानी आएगा, लेकिन मायूसी हाथ लगती है। इस संबंध में बिजली कंपनी के कनीय अभियंता ने बताया कि ये वरीय स्तर का मामला है। समस्या कब खत्म होगी, यह स्पष्ट नहीं किया जा सकता है। कुल मिलाकर जिस समय किसानों को सबसे अधिक सिंचाई की जरूरत है, उस समय बिजली कंपनी की लापरवाही ने संकट और गहरा कर दिया है।



    क्या कहते हैं किसान


    पांच दिन से रोज सुबह-शाम नहर पर जाकर देखते हैं कि पानी आ रहा है या नहीं, लेकिन सिर्फ मायूसी मिलती है। धान की रोपनी के लिए खेत तैयार है, लेकिन पानी न मिलने से बिचड़ा सूखने लगा है। बिजली विभाग को कई बार फोन किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

    शिवशंकर राय, सरपंच, डिहरी

    जब पंप नहर नहीं बनी थी, तो सारा कृषि कार्य वर्षा के भरोसे था। अब पंप नहर शुरू हुई, तो सिंचाई में बिजली बाधा बन रही है। अब खेतों में पानी की सख्त जरूरत है।

    मुरली राम, ग्रामीण

    चौसा प्रखंड के अंतिम छोर पर बसे दर्जनों तथा राजपुर प्रखंड के कई पंचायतों का कृषि का सहारा इस समय नहर का पानी ही एक मात्र सहारा है। लो वोल्टेज की वजह से पंप चालू नहीं हो रहा है। ऐसे में अब किसानों के पास आंदोलन का रास्ता बचा है।

    पूजा कुमारी, जिला पार्षद

    कृषि समय में लो वोल्टेज की समस्या बड़ी जटिल समस्या है। अधिकारी सिर्फ आश्वासन देते हैं। अगर एक-दो दिन में सुधार नहीं हुआ, तो सब किसान मिलकर बिजली कंपनी के सामने धरना देंगे।

    देवधारी सिंह, तिवाय