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    दिल्ली से लौट मिथिलेश गांव से कर रहे वेब डिजाइनिग का कार्य

    बक्सर लॉकडाउन ने पिछले वर्ष से ही लोगों के जीवन को बदल कर रख दिया है। बड़े शहरों मे

    By JagranEdited By: Updated: Sun, 23 May 2021 06:45 PM (IST)
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    दिल्ली से लौट मिथिलेश गांव से कर रहे वेब डिजाइनिग का कार्य

    बक्सर : लॉकडाउन ने पिछले वर्ष से ही लोगों के जीवन को बदल कर रख दिया है। बड़े शहरों में अपने व्यवसाय को स्थापित कर चुके ऐसे कई लोग हैं जो अब अपने गांव आकर वहीं से ऑनलाइन व्यवसाय को पुनर्जीवन देने में लगे हुए हैं। ऐसे ही लोगों में शामिल है वेब तथा एप डेवलपर के रूप में काफी नाम कमा चुके मिथिलेश कुमार सिंह। मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रक्सा गांव रहने वाले कंप्यूटर इंजीनियर मिथिलेश पिछले कई वर्षों से दिल्ली में अपना व्यवसाय कर रहे थे।

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    वर्ष 2020 में हुए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद अचानक से उनके व्यवसाय पर ब्रेक लग गया था। अप्रैल तथा मई माह के अंत तक वह इस आस में दिल्ली में जमे रहे कि परिस्थितियां कुछ ठीक होंगी और वह पुन: सामान्य जीवन-यापन कर सकेंगे लेकिन, स्थितियां और भी बिगड़ती चली गई जिसके बाद उन्होंने सपरिवार अपने गांव लौटने का फैसला किया। यहां आकर उन्होंने एक बार फिर से नया सेटअप शुरु किया। और अब बेहतर तरीके से गांव से ही अपना पूरा व्यवसाय संचालित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि संचार क्रांति के इस दौर में बहुत कुछ आसान हो गया है। गांव पहुंचने के बाद उन्होंने ब्रॉडबैंड कनेक्शन लेकर फिर से व्यवसाय को शुरू किया। वह लोगों को ऑनलाइन परामर्श तथा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। मिथिलेश ने बताया कि न्यूज पोर्टल, एप्लीकेशन डेवलपर तथा वेबसाइट बिल्डर के रूप में उनकी पहचान होने की वजह से अधिसंख्य लोग प्रतिदिन उन्हें फोन करते हैं। ऐसे में उन्होंने पुन: अपना व्यवसाय शुरू कर दिया।

    गांव में ही अपने व्यवसाय को पुनस्र्थापित कर रहे लोग

    मिथिलेश ने जिस तरह से दिल्ली से अपना व्यवसाय अपने गांव में शिफ्ट कर लिया। उसे देखते हुए वह अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बने हैं। कई ऐसे लोग जो बड़े शहरों से अपने गांव की तरफ लौटे हैं। वह गांव में ही अपने व्यवसाय को पुनस्र्थापित करने का काम कर रहे हैं। बक्सर जिले के सिमरी में कंबल उद्योग तथा कई जगहों पर खोले गए सिलाई सेंटर इसका बड़ा प्रमाण है। जहां बाहर फैक्ट्रियों में काम करने वाले लोग उसी ऊर्जा को गांव में खर्च कर व्यवसाय को नया आकार दे रहे हैं।