बक्सर में चार साल बाद गायब बेटे की घर वापसी...मां की आंखों में खुशी और राहत के आंसू
राजेश कुमार यादव को चार साल बाद जब उनकी मां ने देखाबेटा भी मां समेत स्वजन को देखकर भावुक हो उठा। स्वजन उसे अपने साथ लेकर घर लौट आए हैं। प्रतापगढ़ जिले के मवई स्थित एक ढाबे पर देख अगिया के प्रधान ने मानसिक रूप से परेशान दिख रहे एक युवक के बारे में सूचना पुलिस को दी थी।

संवाद सहयोगी, चौगाईं (बक्सर)। मुरार थाना क्षेत्र के बीरपुर गांव निवासी 40 वर्षीय राजेश कुमार यादव को चार साल बाद जब उनकी मां ने देखा, तो उनकी आंखों से ममता के आंसू छलक पड़े। लंबे अरसे से लापता अपने जवान बेटे के साथ उनकी मुलाकात उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में हुई। बेटा भी मां समेत स्वजन को देखकर भावुक हो उठा। स्वजन उसे अपने साथ लेकर घर लौट आए हैं। प्रतापगढ़ जिले के मवई स्थित एक ढाबे पर देख अगिया के प्रधान ने मानसिक रूप से परेशान दिख रहे एक युवक के बारे में सूचना पुलिस को दी थी।
राजेश की दिमागी हालत ठीक नहीं है। अगस्त 2021 में वह घर से बाजार के लिए निकला था, लेकिन बाजार न जाकर बक्सर में स्थित श्याम सुंदर बाबा ब्रह्मदेव के मंदिर पर पहुंच गया। फिर वहां से वापस नहीं लौटा। बेटे के घर नहीं लौटने पर मां पानाझरी ने मुरार थाने में गुमशुदगी की सूचना दर्ज करायी थी। इसके बाद से ही उसकी तलाश की जा रही थी। इधर राजेश बक्सर से ट्रेन पकड़कर प्रयागराज पहुंच गया। प्रयागराज पहुंचने के बाद वह कुंडा पहुंच गया। किसी व्यक्ति ने उसे मवई स्थित एक ढाबे पर ले जाकर छोड़ दिया। वह ढाबे पर चार वर्ष तक काम करता रहा।
ढाबा संचालक भी उसके कम दिमाग होने का फायदा उठाता रहा। इस बीच उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई। तीन अगस्त को अगिया के ग्राम प्रधान मोहम्मद रिजवान रास्ते से गुजर रहे थे। उनकी नजर राजेश पर पड़ गई। ग्राम प्रधान उसे अपने साथ घर लेकर चले गए। इलाज कराने के बाद राजेश ने अपना पता बताया। ग्राम प्रधान ने इसकी सूचना मनगढ़ पुलिस चौकी को दी।
बताए गए पते पर पुलिस ने संपर्क किया। मुरार थाने की पुलिस ने राजेश के मिलने की सूचना उसके स्वजन को दी। अगिया के ग्राम प्रधान का नंबर भी राजेश के स्वजन को दे दिया। रविवार को उसकी मां पानाझरी स्वजन के साथ यहां पहुंची। उन्होंने ग्राम प्रधान को धन्यवाद दिया। ट्रेन से राजेश को लेकर बिहार के लिए रवाना हो गए। उधर, राजेश के मिलने पर पत्नी शोभा देवी, 10 वर्षीय बेटा शुभम, छह वर्षीय पीयूष बहुत खुश हैं।

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