Matar Farming: परंपरागत खेती छोड़ मटर उगा रहे चक्की के किसान, आर्थिक स्थिति में आया सुधार
बक्सर के चक्की प्रखंड में किसान बड़े पैमाने पर मटर की खेती कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है। पहले गेहूं और धान की खेती से नुकसान होता था, लेकिन अब मटर की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा हो रहा है। हरी मटर की मांग बढ़ने से दूसरे राज्यों से व्यापारी भी यहां आ रहे हैं, जिससे किसानों के घरों में खुशहाली आ रही है।

मटर उगा रहे चक्की के किसान
अनिल गिरी, चक्की (बक्सर)। प्रखंड इलाके में मटर की खेती किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रही है। मटर की खेती कर किसान समृद्ध हो रहे हैं हर वर्ष इसका रकवा बढ़ता जा रहा है। इसका मुख्य कारण है कि अब खेती इस इलाके के किसानों के लिए नुकसान का सौदा नहीं रह गया है।
पहले गेहूं और धान की परंपरागत खेती से इस इलाके के किसानों की लागत भी मुश्किल से निकलती थी खेती घाटे का सौदा बनती जा रही थी लेकिन अब मटर की खेती से किसानों की आर्थिक स्थिति काफी बेहतर हो गई है।
खेती के लिए घर लौट रहा किसान
किसान सरबजीत यादव, बिरेंद्र राम ने बताया कि घर गृहस्ती चलाने के लिए पहले किसानों को दूसरे राज्यों में कमाने के लिए जाना मजबूरी बन गई थी, लेकिन अब मटर की खेती से किसने की आर्थिक स्थिति काफी बेहतर होने लगी है। मटर की खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा होने से और अब मटर की खेती इस इलाके में किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर की जा रही है।
हरी मटर की अच्छी भाव मिलने से दिन पर दिन और किसान भी जुड़ते गए और आज उत्पादन इतना बढ़ गया है कि जिले से बाहर भी भारी मात्रा में इसे भेजा जा रहा है।
दूसरे राज्यों से भी आते हैं लोग
हरी मटर खरीदने के लिए यहां बाहर से भी काफी व्यापारी आते हैं किसानों का कहना है कि हरी मटर ऐसी फसल है जो खरीफ एवं रवि के बीच के सीजन में पैदा हो जाती है। जिससे अधिकांश किसान मटर की खेती करने के लिए आगे आ रहे हैं। मटर की खेती से अब इस इलाके के किसानों के घरों में खुशहाली दस्तक दे रही है।
किसान सलाहकार रमेश पांडे ने बताया कि चक्की इलाके में लगभग 300 हेक्टेयर में हरी मटर की खेती किसानों द्वारा की गई है। उन्होंने बताया कि हरे मटर की खेती में लागत कम और मुनाफा ज्यादा है।

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