Bihar News: बलिदानी पति सुनील को पत्नी ने दी सलामी, कहा- बेटों को भी देश को सौंप दूंगी
Bihar News चौसा के लाल सुनील सिंह यादव जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी ड्रोन हमले में शहीद हो गए उनका पार्थिव शरीर गांव लाया गया। हजारों लोग भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। पत्नी ने बेटों को भी देश के लिए समर्पित करने की बात कही। सांसद पप्पू यादव ने श्रद्धांजलि दी और सरकार से मुआवजे की मांग की।

संवाद सहयोगी, चौसा (बक्सर)। आपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी ड्रोन हमले में देश के लिए बलिदान देने वाले चौसा के लाल नरबतपुर निवासी सेना के हवलदार सुनील सिंह यादव का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लाया गया।
इससे पहले बलिदानी को लेकर घर की ओर बढ़ रहे सैन्य वाहन के आगे-पीछे हजारों की भीड़ 'भारत माता की जय' और 'सुनील सिंह अमर रहें' के गगनभेदी नारे लगाते चल रही थी। लोगों के चेहरों पर बलिदान का गर्व और आंखों में पाकिस्तान के प्रति आक्रोश साफ झलक रहा था।
अपने लाल को खोने का गम था, लेकिन यह गौरव भी था कि देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उनकी पत्नी, दो बेटे, पिता और छोटे भाई ने नम आंखों से उन्हें अंतिम सलामी दी। बलिदानी की पत्नी सुजाता देवी ने दृढ़ स्वर में कहा कि हमें गर्व है कि मेरे पति ने देश के लिए हंसते-हंसते जान दे दी।
यदि जरूरत पड़ी तो वह अपने दोनों बेटों को भी देश के हवाले कर दूंगी। उन्होंने सरकार से मांग की कि गांव में बलिदानी के नाम पर स्मारक गेट और शेरशाह युद्धस्थली पर प्रतिमा बनाई जाए। घर के सामने श्रद्धांजलि के बाद अंतिम संस्कार गंगा नदी किनारे रानी घाट पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया।
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शहीद सुनील सिंह को सलामी देते डीएम विद्यानन्द सिंह।
सेना व पुलिस के जवानों ने गार्ड आफ आनर दिया। बड़े पुत्र सौरभ ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पहले जिलाधिकारी विद्यानंद सिंह, पुलिस अधीक्षक शुभम आर्या और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने भी बलिदानी को सलामी देकर पुष्पांजलि अर्पित की।
डीएम ने कहा कि बलिदानी फौजी के परिवार ने सरकार से कुछ मांग की है, जिसे उचित माध्यम से राज्य मुख्यालय को अवगत कराया जाएगा। नौ मई की रात आपरेशन सिंदूर के ठीक बाद पाकिस्तान के ड्रोन हमले में हवलदार सुनील सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने पांच जून को अंतिम सांस ली।
बलिदानी जवान को श्रद्धांजलि देने चौसा पहुंचे सांसद पप्पू यादव
पाकिस्तान के ड्रोन हमले में घायल होकर बलिदान हुए जवान सुनील सिंह यादव को श्रद्धांजलि देने पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव रविवार को चौसा नरबतपुर पहुंचे। वे रानीघाट पहुंच बलिदानी पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
श्रद्धांजलि देने के बाद सांसद ने बलिदानी जवान के पिता और बेटे से मुलाकात कर गहरी शोक संवेदना जताई। उन्होंने जवान के बेटे को आर्थिक सहायता प्रदान की साथ ही भविष्य में हर संभव मदद का भरोसा भी दिया। इस अवसर पर उन्होंने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि नेता केवल सिंदूर की राजनीति करते हैं, उसकी असली कीमत नहीं समझते। पप्पू यादव ने सवाल उठाया कि सुरक्षा में कहां चूक हुई, सरकार को इसे सार्वजनिक करना चाहिए।
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शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे सांसद पप्पू यादव।
उन्होंने मांग की कि यह भी बताया जाए कि बिहार, राजपूताना और असम रेजिमेंट में कितने पद खाली हैं और अग्निवीर योजना को कब समाप्त किया जाएगा।
सांसद ने बलिदानी के परिवार को चार करोड़ रुपये मुआवजा, पेट्रोल पंप या गैस एजेंसी आवंटित करने की भी मांग रखी। उन्होंने कहा कि जो जवान देश के लिए प्राण न्योछावर करता है, उसके परिवार को सम्मानजनक जीवन मिलना चाहिए।
युवाओं ने तिरंगे के साथ निकाली यात्रा
बलिदानी सुनील सिंह का पार्थिव शरीर जिले में पहुंचते ही पूरे क्षेत्र में देशभक्ति का ज्वार उमड़ पड़ा। चौसा से सात किलोमीटर पहले दानी कुटिया (कमरपुर) के पास से सैकड़ों बाइक व चारपहिया वाहन पर सवार युवाओं और बुजुर्गों ने तिरंगा लेकर एक प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
इस यात्रा में भारत माता की जय, वंदे मातरम् और पाकिस्तान मुर्दाबाद व बलिदानी सुनील अमर रहे के नारों से पूरा इलाका गूंज उठा।सुनील के बलिदान की खबर जैसे ही गांव में पहुंची, पूरे क्षेत्र में शोक और गर्व की भावना एक साथ फैल गई।
युवाओं ने अपने स्तर पर शहीद को श्रद्धांजलि देने का निर्णय लिया और तिरंगा यात्रा का आयोजन किया। गांव की गलियों से गुजरती यह यात्रा एक सशक्त संदेश बन गई कि देश के लिए मर-मिटने वाले जवानों को यह देश कभी नहीं भूलता।

शहीद के शव के साथ तिरंगा यात्रा निकालते युवा।
इस यात्रा में युवाओं के साथ बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल हुए। हर कोई हाथ में तिरंगा लिए शहीद सुनील को याद कर रहा था। ‘अमर रहे सुनील’, ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम्’ जैसे नारों से वातावरण गूंजता रहा।
साथ ही यात्रा में देशभक्ति गीतों व बाइक यात्रा के साथ मिलिट्री वाहन में पार्थिव शरीर व अधिकारियों व नेताद्वय की वाहनों के लगभग एक किलोमीटर दूरी में काफिले रही।
ग्रामीणों ने सरकार से सुनील को मरणोपरांत वीरता सम्मान देने की मांग भी की। गांववासियों का कहना है कि सुनील की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और युवा पीढ़ी उनके बलिदान से प्रेरणा लेती रहेगी।

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