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    बोरिंग बनाने कुएं में उतरे शख्स की मौत, जहरीली गैस की चपेट आने की आशंका

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 03:51 PM (IST)

    बक्सर के महदह गांव में बोरिंग मरम्मत के लिए कुएं में उतरे जयप्रकाश कुशवाहा की जहरीली गैस से दम घुटने से मौत हो गई। बचाने उतरे दो अन्य लोग भी बेहोश हुए जिनका इलाज चल रहा है। कुएं में ऑक्सीजन की कमी और जहरीली गैसों के कारण यह हादसा हुआ जिसकी जांच पुलिस कर रही है।

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    बोरिंग मरम्मत को कुआं में उतरे अधेड़ की मौत

    जागरण संवाददाता, बक्सर। मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत महदह गांव में रविवार की सुबह बोरिंग मरम्मत के लिए कुएं में उतरे एक अधेड़ व्यक्ति की मौत हो गई। उसे बचाने के लिए पीछे से उतरे दो अन्य सहयोगी दम घुटता महसूस होते ही किसी तरह बाहर निकल आए।

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    फिलहाल सदर अस्पताल में दोनों का उपचार जारी है। अनुमान है कि कुएं में जहरीली गैस की मौजूदगी से यह हादसा हुआ है। इस मामले में कुएं के अंदर जहरीली गैस या फिर ऑक्सीजन की कमी होने की आशंका जताई जा रही है।

    घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार महदह गांव निवासी 55 वर्षीय जयप्रकाश कुशवाहा की बोरिंग में कुछ खराबी आ गई थी। इसकी मरम्मत के लिए उन्होंने लालगंज निवासी 35 वर्षीय मिस्त्री अजय कुशवाहा को सुबह आठ बजे के करीब बुलाया था।

    इस दौरान मदद के लिए गांव के ही 40 वर्षीय यशवंत कुशवाहा को भी बुला लिया था। बोरिंग की मरम्मत के लिए मोटर खोलने खुद जयप्रकाश कुशवाहा कुएं में नीचे उतरे और नीचे पहुंचते ही अचेत हो गए।

    जयप्रकाश को अचेत होते देख आनन-फानन में अजय और यशवंत जैसे ही कुएं में उतरे कि उनका भी दम घुटने लगा। परेशानी महसूस होते ही दोनों किसी तरह बाहर निकल आए। इसके बाद आवाज देकर आसपास के ग्रामीणों को बुलाया।

    बाद में किसी तरह ग्रामीणों ने कुएं में अचेत जयप्रकाश को बाहर निकाला और तीनों को अस्पताल पहुंचाया। जांच के बाद चिकित्सक ने जयप्रकाश को मृत घोषित कर दिया, जबकि अन्य दोनों का उपचार जारी है।

    जहरीली गैस के कारण हादसा

    चिकित्सक के अनुसार कुएं में मौजूद किसी जहरीली गैस के कारण हादसा होने की संभावना है। घटना की पुष्टि करते मुफस्सिल थानाध्यक्ष शंभू भगत ने बताया कि मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

    इलाजरत दोनों व्यक्तियों की स्थिति में सुधार होने के बाद उन्हें घर भेज दिया गया। इधर ग्रामीणों का कहना है कि उक्त बोरिंग की मरम्मत इसके पहले भी कई बार कुएं में उतरकर हो चुकी है, पर पहले ऐसा कभी नहीं हुआ था।

    बंद पड़े कुएं में दो तरह से होता है खतरा

    बंद पड़े कुएं में जीवित प्राणी के लिए दो तरह का खतरा होता है। ऐसे कुएं में ऑक्सीजन की कमी सामान्य बात है। नमी युक्त वातावरण में जैविक अवशेष यथा शैवाल, काई और अन्य चीजों के सड़ने से भी ऑक्सीजन की कमी होती है।

    ऑक्सीजन के साथ कार्बनिक पदार्थों से प्रतिक्रिया के फलस्वरूप मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी गैसें बनती हैं। इनमें से कुछ सीधे तौर पर जहरीली हैं, तो कुछ सामान्य श्वसन क्रिया को बाधित करती हैं, जिससे आदमी की मौत हो सकती है। इनमें मीथेन तीव्र रूप से ज्वलनशील भी है।