Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अनु.जाति में दुसाधों को सरकार का तोहफा

    By Edited By:
    Updated: Tue, 20 Sep 2011 09:18 PM (IST)

    ...और पढ़ें

    Hero Image

    राजेश तिवारी, बक्सर : महादलितों के आवास को उन्हें तीन-तीन डिस्मिल जमीन देने के निर्णय के बाद सरकार ने इस श्रेणी की कुछ और जातियों को भी जमीन देने का फैसला किया है। इनमें पिछड़ी जाति के एनेक्सचर वन व टू, अनुसूचित जन जाति तथा अनुसूचित जाति के अंतर्गत आने वाले दुसाध को तीन-तीन डिस्मिल जमीन घर बनाने के लिए देने का फैसला किया है। सरकार के इस आशय का फरमान जिला प्रशासन को प्राप्त हो गया है। अब जिला प्रशासन वैसे लोगों का आंकड़ा जुटाने में जुट गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जाहिर हो अनुसूचित जाति के अंतर्गत आने वाली दुसाध जाति को महादलित की श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार की नियत है कि जरूरतमंद लोग इससे वंचित नहीं रहें। ऐसे में उसके द्वारा यह फैसला किया गया है। बहरहाल, जो भी सरकार के इस फैसले से इन जातियों में हर्ष व्याप्त है।

    गांवों में बनेंगे संपर्क पथ भी

    पिछड़ी जाति के एनेक्सचर वन व टू समेत अनुसूचित जनजाति व अनुसूचित जाति की दुसाध को आवास के लिए सरकार केवल तीन-तीन डिस्मिल जमीन ही नहीं दे रही है बल्कि वैसे लोगों के गांवों या टोलों तक संपर्क पथ भी बनाये जायेंगे। ताकि, विकास की गति से वे लोग भी जुड़ सकें। सरकार ने इसके लिए सरकारी जमीन नहीं रहने की स्थिति में जमीन खरीदने का भी निर्देश दिया है।

    जमीन को अधिक राशि देने की छूट

    महादलित से अलग जिन लोगों को सरकार आवास के जमीन देने जा रही है उनके संपर्क पथ को जमीन खरीदने के लिए वह अधिक राशि प्रदान करने की छूट भी दे रही है। प्रशासनिक अधिकारी सह राजस्व शाखा के प्रभारी पदाधिकारी रियाज अहमद खां ने बताया कि सरकार ने वैसे लोगों के संपर्क पथ के लिए निर्धारित दर से पचास फीसदी तक अधिक राशि देने का निर्देश दिया है। ताकि, जमीन बेचने वाले निराश न हों और वे खुशी-खुशी सड़क के लिए अपनी जमीन दे दें।

    अधिकारियों ने की बैठक

    सरकारी फरमान प्राप्त होने के पश्चात राजस्व शाखा के प्रभारी पदाधिकारी रियाज अहमद खां ने सभी अंचलाधिकारियों, एसडीओ व डीसीएलआर की बैठक बुलायी। बैठक में उन्हें इन श्रेणी के जातियों की खोज करने और उनका आंकड़ा जुटाने के निर्देश दिये गये। ताकि यह पता चल सके कि उन्हें कितनी जमीन की जरूरत पड़ेगी।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर