बक्सर में हेडमास्टर और टीचर के बीच जमकर चले लात-घूंसे, अटेंडेंस रजिस्टर के लिए हुआ था विवाद
बक्सर में एक स्कूल के हेडमास्टर और टीचर के बीच अटेंडेंस रजिस्टर को लेकर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों आपस में लात-घूंसे से मारपीट करने लगे ...और पढ़ें

टीचर और हेडमास्टर के बीच हाथापाई। फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, ब्रह्मपुर (बक्सर)। स्थानीय प्रखंड के नैनीजोर राजकीय प्लस टू उच्च विद्यालय में शिक्षक उपस्थिति पंजी पर हाजिरी बनाने को लेकर विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक और शिक्षक के बीच विद्यालय में ही जमकर मारपीट हो गई।
प्रार्थना के बाद विद्यालय में हुई इस घटना के बाद माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया और विद्या मंदिर में घंटों अफरातफरी मची रही। घटना के बाद पुलिस विद्यालय पर पहुंची और शिक्षकों तथा छात्रों से भी पूछताछ कर पूरे मामले की जानकारी ली।
बताया जाता है कि नैनीजोर का प्लस टू उच्च विद्यालय वर्षों से शिक्षकों की आपसी विवाद और उठापटक का केंद्र बन गया है। विद्यालय में प्रार्थना के बाद शिक्षक उपस्थिति रजिस्टर पर हाजिरी बनाने को लेकर विवाद पैदा हुआ।
विद्यालय के शारीरिक शिक्षक कौशल किशोर शर्मा उपस्थिति पंजी लेकर कार्यालय से चले गए और खुद अपना हाजिरी नहीं बनाया और दूसरों को बनाने के लिए भी पंजी नहीं दे रहे थे। इसी बात को लेकर प्रभारी प्रधानाध्यापक दिनेश कुमार पांडे से विवाद हो गया।
इसी बात को लेकर दोनों शिक्षकों के बीच लाठी डंडा से हुई मारपीट के बाद विद्यालय रणक्षेत्र बन गया। उपस्थिति पंजी फाड़ दिया गया। शर्मसार करने वाली इस घटना को लेकर छात्रों में भगदड़ मच गई और विद्यालय का माहौल काफी तनाव पूर्ण हो गया।
मारपीट की घटना में दोनों शिक्षक घायल हो गए। घटना के बाद नैनीजोर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और शिक्षकों के अलावा छात्रों से भी पूछताछ कर पूरे मामले की जानकारी ली। ग्रामीणों की भीड़ भी वहां काफी जुट गई।
बाद में प्रभारी प्रधानाध्यापक दिनेश कुमार पांडे और शारीरिक शिक्षण कौशल किशोर शर्मा ने एक दूसरे पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए पुलिस के पास आवेदन भी दिया है। वैसे दोनों पक्षों द्वारा आपस में समझौते की भी बातचीत चल रही है।
शिक्षकों के विवाद व मारपीट का केंद्र बना विद्यालय
नैनीजोर का प्लस टू उच्च विद्यालय कई वर्षों से शिक्षकों के आपसी विवाद और मारपीट का अखाड़ा बन गया है। शुक्रवार को विद्यालय में हुई मारपीट की घटना से पठन-पाठन पर काफी विपरीत असर पड़ रहा है और छात्रों के भविष्य को लेकर अभिभावक भी काफी चिंतित हैं।
विद्यालय में अक्सर होने वाले हंगामा और विवाद के कारण वहां के विवादित शिक्षक को हटाने के लिए काफी पहले ही भाजपा के पूर्व विधायक डॉ. स्वामी नाथ तिवारी के नेतृत्व में ग्रामीणों द्वारा अनशन भी किया गया था।
तब शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था, लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज तक उस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और विवाद होता रहता है।

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