Buxar News: ट्रांसपोर्ट ऑफिस के रास्ते में गाड़ी चला ली, तो समझिए ड्राइविंग टेस्ट पास हो गए
बक्सर में सिंडीकेट से परिवहन कार्यालय तक का रास्ता जर्जर है जो आम लोगों के लिए परीक्षा बन गया है। गड्ढों और कीचड़ से भरी सड़क ड्राइविंग टेस्ट जैसी है। अतिक्रमण के कारण सड़क का निर्माण बाधित है। स्थानीय लोग इसे कीचड़ वाला रास्ता कहते हैं। ऑटो चालक कतराते हैं जिससे छात्रों की परीक्षा छूट जाती है। निवासियों ने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।

जागरण संवाददाता, बक्सर। जिला मुख्यालय में सिंडीकेट से परिवहन कार्यालय जाने के रास्ते यात्रा करना आम लोगों और छात्रों के लिए किसी अग्निपरीक्षा जैसा हो गया है। बीते कई साल से जर्जर सड़क, बड़े-बड़े गड्ढे और बारिश में कीचड़ से भरा यह रास्ता खुद ही एक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक जैसा हो गया है।
विडंबना यह है कि जिस परिवहन कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस बनाए जाते हैं, वहां तक पहुंचना ही एक कठिन परीक्षा बन चुका है। फिटनेस और अन्य जांच के लिए भारी वाहनों का यहां पहुंचना तो पूरी तरह असंभव ही है।
जननायक कर्पूरी ठाकुर विधि महाविद्यालय जाने के लिए भी यही रास्ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर आप इस रास्ते से सकुशल परिवहन कार्यालय पहुंच जाते हैं, तो मान लीजिए आपने ड्राइविंग टेस्ट पास कर लिया। यह सड़क जगह-जगह टूटी हुई है और गड्ढों से भरी पड़ी है।
सतह से उठे सीवर लाइन के चैंबर से पूरी हो जाती है। बारिश में सड़क के गड्ढे पानी से भर जाते हैं, जिससे रास्ता पूरी तरह कीचड़मय हो जाता है। सड़क के दोनों ओर अतिक्रमण की समस्या इस सड़क के निर्माण में अतिक्रमण बड़ी बाधा है।
दरअसल यह सड़क नहर विभाग की जमीन में बनी है। सड़क के दोनों तरफ अतिक्रमण है। सड़क के पश्चिम झुग्गी बस्ती का अस्थायी निर्माण है, तो पूरब में रैयती जमीन के मालिकों ने पांच से 15 फीट तक आगे निकलकर नहर की जमीन में मकान बना लिया है।
पिछली बार कई साल पहले प्रशासन ने यहां झुग्गी बस्ती हटाने की कोशिश की, तो हंगामा खड़ा हो गया और प्रशासन ने अपने हाथ पीछे खींच लिए। इसके बाद प्रशासन दोबारा ऐसा करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। वैसे भी पक्का निर्माण करने वालों पर प्रशासन हाथ डालने से हमेशा बचता रहा है।
सड़क का महत्व पहले से अधिक बढ़ा स्थानीय लोग इस रास्ते को पक्की सड़क पर कीचड़ वाला रास्ता कहकर पुकारते हैं। शहर की अन्य सड़कों की मरम्मत हो रही है, लेकिन इस महत्वपूर्ण रास्ते की दुर्दशा पर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
खराब रास्ते के कारण ऑटो और टोटो चालक इस मार्ग पर जाने से कतराते हैं, जिससे कई बार परीक्षार्थी समय पर कॉलेज नहीं पहुंच पाते और उनकी परीक्षा छूट जाती है। इस सड़क का अब तक केवल एक बार पक्कीकरण हुआ है। तब यह सड़क बहुत पहले बनी थी। अब यह शहर के प्रमुख मार्गों में शामिल है और इसके चौड़ीकरण की जरूरत है।
पिछले दो-तीन दशकों से इस शहर में रह रहा हूं, लेकिन इस रास्ते की हालत कभी नहीं सुधरी। बारिश में पैदल चलना भी मुश्किल है। डीटीओ ऑफिस जाने से पहले दो बार सोचना पड़ता है। -मनोज ओझा, स्थानीय निवासी।
परीक्षा के समय ऑटो वाले खराब रास्ते का बहाना बनाकर मना कर देते हैं। कई बार परीक्षार्थी कॉलेज गेट पर गिड़गिड़ाते हैं, लेकिन समय पर न पहुंचने से उनका पूरा साल बर्बाद हो जाता है। -अशोक कुमार श्रीवास्तव, अभिभावक।
गड्ढों की वजह से गाड़ियों को नुकसान होता है और आने-जाने में भी परेशानी होती है। प्रशासन को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। -अखिलेश पांडेय, स्थानीय निवासी।
सिंडिकेट से परिवहन कार्यालय तक पहुंचने में उतना समय लगता है, जितना स्टेशन से सिंडिकेट तक पहुंचने में। ऐसा लगता है जैसे ड्राइविंग टेस्ट देने आए हैं। प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए। -मनोज कुमार पांडेय, नागरिक।
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