Buxar News: थाने में 11 साल तक धूल फांकता रहा न्यायालय का आदेश, अब दर्ज हुई FIR
बक्सर में 2014 के मारपीट मामले में कोर्ट के आदेश के 11 साल बाद प्राथमिकी दर्ज हुई। कोर्ट का आदेश नगर थाने की फाइल में धूल फांकता रहा। उच्च न्यायालय के ...और पढ़ें

प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
जागरण संवाददाता, बक्सर। 2014 में हुई मारपीट के एक मामले में दायर कोर्ट परिवाद पर अब जाकर घटना के 11 साल बाद नगर थाना में प्राथमिकी हुई है।
इतने लंबे समय तक कोर्ट का आदेश नगर थाने की किसी फाइल में पड़ा धूर फांकता रहा। इस मामले में जब उच्च न्यायालय की नजर पड़ी, तब जाकर मामला संज्ञान में आया और आनन-फानन में पुलिस ने प्राथमिकी की है।
मारपीट की यह घटना 17 मार्च 2014 की है। नगर थाना के कोइरपुरवा अंतर्गत मौजूद अंग्रेज कब्रिस्तान के समीप निवासी आवेदिका रिजवान बेगम पति शराफत हुसैन के घर में घुसकर सोहनीपट्टी निवासी राजा मुराद अंसारी, अफसाना बेगम समेत छह लोगों के मारपीट करने का आरोप है।
घटना के समय पुलिस को सूचना देने के बाद तत्कालीन नगर थाना के किसी दारोगा ने मारपीट में घायल पति-पत्नी को इलाज के लिए भेज दिया। इलाज कराकर आने के बाद तत्कालीन नगर पुलिस ने जब आवेदिका की प्राथमिकी नहीं की, तब आवेदिका ने कोर्ट में जाकर अपना परिवाद दायर किया।
परिवाद दायर होने के बाद कोर्ट द्वारा नगर थाना को प्राथमिकी करने का आदेश देते हुए आवेदन नगर थाना भेज दिया गया। बावजूद तत्कालीन पुलिस की लापरवाही के कारण कोर्ट से भेजा गया आवेदन किसी फाइल में दबा रह गया।
घटना के 11 साल बाद जब उच्च न्यायालय ने इस मामले में संज्ञान लिया, तब आनन-फानन में आवेदन तलाश कर परिवाद पर प्राथमिकी की गई। इस मामले में थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 11 साल पहले आवेदन कैसे फाइल में दबकर रह गई, इसके बारे में वे नहीं बता सकते हैं।
उनके संज्ञान में मामला आते ही आवेदन को तलाश कर प्राथमिकी करते हुए आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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