किसानों ने सात माह पहले खुले पॉवर प्लांट का प्रवेश मार्ग किया बंद
बक्सर चौसा में निर्माणाधीन पॉवर प्लांट में प्रवेश के लिए सात माह पहले खुला प्रवेश द्वार भू-दाता
बक्सर : चौसा में निर्माणाधीन पॉवर प्लांट में प्रवेश के लिए सात माह पहले खुला प्रवेश द्वार भू-दाता किसानों ने बंद करा दिया। किसानों का कहना है कि कम्पनी द्वारा एग्रीमेंट करने के बाद छल किया गया। जिससे कृषि योग्य भूमि बंजर बन गई। उक्त मामला चौसा के मोहनपुरवा मौजा से संबंधित है। किसान मो. मुस्ताक खान, जकरिया खान, कासिम खान, राम व्यास तिवारी, हरेराम सिंह, जितेंद्र सिंह एवं हरिहर सिंह ने बताया कि सात माह पहले किसानों ने परियोजना के विकास के मद्देनजर एक रुपया प्रति एकड़ मासिक किराए पर दिया था।
एसटीपीएल परियोजना प्रबंधन से लिखित करार भी हुआ कि कम्पनी लीज के माध्यम से उक्त जमीन की रजिस्ट्री और भुगतान पूर्ण करेगी। इसके लिए लिखित सहमति बनी थी कि भुगतान की राशि वर्त्तमान वित्तीय वर्ष के एमवीआर का चार गुना पंजी द्वितीय के अद्मतन स्थिति के अनुसार किया जाएगा। लेकिन, सात महीना बीत जाने के बाद एसटीपीएल ने सहमति शर्तों को मानने से इंकार कर दिया। इसे लेकर किसानों ने जिला प्रशासन से भी गुहार लगाई। लेकिन, अब तक कोई निदान नहीं निकला। नतीजतन, संबंधित किसान अपनी जमीन को देखकर मायूस हैं, जो अब बंजर बन गई। हद तो यह है कि शर्ते तोड़ने के बाद भी एसटीपीएल और उसकी अधीनस्थ कंपनी एलएंडटी उक्त जमीन का उपयोग बंद करने को तैयार नहीं थे। अंतत: किसानों ने 19 जून 2020 को रास्ता बंद कर दिया। जिसके बाद आननफानन में एसटीपीएल और एलएंडटी के अधिकारी मेन गेट से पांच सौ मीटर उत्तर दिशा में हटकर रास्ता बनाना शुरू कर दिए। जबकि, वहां सरकारी रजवाहा और चकरोड का अतिक्रमण पहले ही कुछ किसानों द्वारा किया जा चुका है। इस संबंध में पीड़ित किसान अंचलाधिकारी चौसा को पूर्व में ही अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए आवेदन दिए हैं। लेकिन, अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस संबंध में किसानों ने जिला पदाधिकारी को ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगाई है। वहीं, एसजेवीएन के पदाधिकारी से जानकारी लेने की कोशिश की गई। लेकिन, संपर्क नहीं हो सका।
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