डुमरांव में जलभराव से झील में तब्दील हुई सड़कें, हजारों लोगों का आवागमन बाधित
डुमरांव में पूर्वी रेलवे गुमटी से बड़ा बाग पथ पर जलभराव से झील जैसा नज़ारा बन गया है, जिससे हज़ारों लोगों को परेशानी हो रही है। स्कूल वाहनों का रूट प्रभावित है और सड़क की हालत ख़राब है। स्थानीय लोगों ने नगर परिषद पर लापरवाही का आरोप लगाया है और स्थायी समाधान की मांग की है। नगर परिषद का कहना है कि पानी के निकास की व्यवस्था नहीं है और वैकल्पिक उपाय खोजे जा रहे हैं।

डुमरांव में जलजमाव ने बनाया झील जैसा नजारा। फोटो जागरण
संवाद सहयोगी, डुमरांव (बक्सर)। डुमरांव में पूर्वी रेलवे गुमटी से बड़ा बाग पथ पर जलजमाव के कारण झील जैसा दृश्य बन गया है, जिससे इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है।
हजारों लोगों को बाजार और रेलवे स्टेशन आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मार्ग से एक दर्जन से अधिक स्कूल वाहनों का रूट निर्धारित है, जिसके चलते स्कूल वाहन चालकों और छात्रों को भी काफी दिक्कत हो रही है।
बड़ा बाग पथ पर चार निजी विद्यालय हैं, जहां छात्र और अभिभावक भारी परेशानी के बीच आवागमन करने को मजबूर हैं। यह सड़क दो दशक पहले ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा विधायक की अनुशंसा पर बनाई गई थी, लेकिन तब से इसकी कोई मरम्मत नहीं हुई।
बड़े-बड़े गड्ढों और जलजमाव के कारण यह मार्ग अब असुरक्षित हो चुका है। नाली का गंदा पानी सड़कों पर फैला हुआ है, जिससे टेक्सटाइल कॉलोनी के हजारों निवासियों का जीना मुहाल हो गया है।
स्थानीय निवासी राम जी प्रसाद ने बताया कि नालियों की सफाई न होने से गंदा पानी सड़क पर जमा रहता है। नगर परिषद ने जलजमाव निवारण के लिए लाखों रुपये खर्च करने का दावा किया, लेकिन स्थिति जस की तस है।
नाली सफाई और जलजमाव निवारण के प्रयास केवल कागजों तक सीमित हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि जलजमाव की समस्या नगर परिषद के लिए मोटी कमाई का जरिया बन गई है, जबकि समाधान के नाम पर खानापूर्ति हो रही है।
लोग प्रशासन और नगर परिषद से मांग कर रहे हैं कि नालियों की नियमित सफाई और जलजमाव का स्थायी समाधान किया जाए, ताकि शहरवासियों को इस परेशानी से निजात मिल सके।
इस संबंध में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी राहुल घर दुबे का कहना है कि सड़क पर जमा पानी का निकास का कोई जगह नहीं होने के चलते नगर परिषद द्वारा पानी निकास नहीं की जा रही है। वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश की जा रही है।
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