पटना-बक्सर हाइवे पर भीषण सड़क हादसा, ट्रक और ट्रेलर की टक्कर में ड्राइवर की मौत, कंडक्टर जख्मी
डुमरांव के पास NH-922 पर एक भीषण सड़क हादसे में बालू लदे ट्रेलर ने खड़े ट्रक को टक्कर मार दी जिससे ट्रेलर के चालक की मौके पर ही मौत हो गई और सहचालक गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच कर रही है। स्थानीय लोगों ने एनएचएआई की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं।

संवाद सहयोगी, डुमरांव (बक्सर)। रविवार की अल सुबह पटना-बक्सर राष्ट्रीय राजमार्ग-922 पर प्रताप सागर और चंदा गांव के बीच स्थित एक पेट्रोल पंप के समीप हादसा हो गया।
सड़क के बीच तकनीकी खराबी से खड़े ट्रक में पीछे से आकर बालू लदे ट्रेलर ने जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतना भीषण थी कि ट्रेलर ट्रक के चालक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसका सहचालक गंभीर रूप से जख्मी हो गया।
घटना के बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया। सड़क पर जाम की स्थिति हो गई और राहगीरों ने किसी तरह घायल को बाहर निकालकर पुलिस को सूचना दी।
नया भोजपुर थाना पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और घायल को उपचार के लिए जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं मृतक चालक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
मृतक चालक की पहचान उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सिकंदरपुर निवासी शिवम कुमार (22 वर्ष), पिता सुरेश प्रसाद के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, शिवम अपने सहचालक के साथ ट्रेलर पर बालू लादकर यूपी की ओर जा रहा था।
इसी दौरान यह हादसा हो गया। सहचालक की पहचान खबर लिखे जाने तक स्पष्ट नहीं हो सकी थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि गंभीर रूप से घायल सहचालक की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
कैसे हुआ हादसा
मिली जानकारी के अनुसार, उक्त स्थान पर एक ट्रक पहले से ही सड़क के बीच खराब हालत में खड़ी थी। यह सूचना न तो पुलिस को दी गई थी और न ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के कर्मियों ने किसी प्रकार की चेतावनी अथवा संकेत बोर्ड लगाया।
तेज रफ्तार से आ रहे बालू लदे ट्रेलर के चालक को यह अंदाजा नहीं हुआ कि बीच सड़क पर ट्रक खड़ा है। अचानक सामने आई रुकावट से बचने का मौका न मिलने पर ट्रेलर सीधे पीछे से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि चालक की मौत स्टेयरिंग पर ही हो गई।
पुलिस की कार्रवाई और एनएचएआई की लापरवाही पर सवाल
नया भोजपुर थानाध्यक्ष चंदन कुमार ने बताया कि पुलिस मामले की बारीकी से जांच कर रही है। यह बेहद गंभीर मामला है, क्योंकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर खराब ट्रक खड़ा था और इसकी जानकारी संबंधित विभाग को समय पर नहीं दी गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि एनएचएआई की लापरवाही के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं। इस मुख्य सड़क पर अक्सर तकनीकी खराबी वाले वाहन खड़े रहते हैं, लेकिन एनएचएआई के जिम्मेदार कर्मी समय पर कार्रवाई नहीं करते। लोगों का कहना है कि यदि खराब वाहन के चारों ओर चेतावनी संकेत या बैरिकेडिंग की गई होती, तो शायद यह बड़ा हादसा टल सकता था।
सड़क सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
इस दुर्घटना ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजमार्ग की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आम जनता का कहना है कि करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा मानकों का पालन सही तरीके से नहीं हो रहा है।
एनएचएआई की सड़कों पर नियमित गश्त लगाना और खराब पड़े वाहनों को क्रेन के जरिए किनारे लगाना टोल एजेंसी का दायित्व है।
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