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वोट के ध्रुवीकरण के बदौलत माले ने दिखाया डुमरांव में दम

बक्सर 50 वर्षों के संघर्ष के बाद भाकपा माले ने डुमरांव विधानसभा क्षेत्र से पहली बार जीत दर्ज की

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 05:31 PM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 05:31 PM (IST)
वोट के ध्रुवीकरण के बदौलत माले ने दिखाया डुमरांव में दम

बक्सर : 50 वर्षों के संघर्ष के बाद भाकपा माले ने डुमरांव विधानसभा क्षेत्र से पहली बार जीत दर्ज की है। माले प्रत्याशी अजीत कुमार सिंह के इस जीत में महागठबंधन के वोट का ध्रुवीकरण तथा कुशवाहा वोट का महत्वपूर्ण योगदान है। माले प्रत्याशी के इस जीत में महागठबंधन के विरोधी वोट का विखराव भी अहम कारण बना है।

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डुमरांव में मिली पहली जीत को माले ने जनोपयोगी बनाकर काम के आधार पर अपनी स्थाई सीट बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। पार्टी के जिला सचिव मनोहर जी का कहना है कि डुमरांव में पार्टी ने 1970 से संघर्ष की शुरुआत की। सामाजिक न्याय, सामंती उत्पीड़न, जमीन का सवाल, उचित मजदूरी तथा गरीब मजदूर किसान की समस्या पर खूब आवाज उठाई गई। वर्ष 1985 में पहली बार माले प्रत्याशी ललन राम ने आइपीएफ के टिकट पर डुमरांव से चुनाव लड़ा था। हालांकि, उस चुनाव में माले प्रत्याशी की हार राजद उम्मीदवार बसंत सिंह से हुई थी। बावजूद, माले डुमरांव से कभी निराश नहीं हुआ। उसके बाद प्रत्येक चुनाव में माले चुनाव में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाते रहा। लेकिन चुनावी अभियान के 35 वर्षों बाद जीत का स्वाद पार्टी को डुमरांव में चखने को मिला है।

विरोधी वोटों के बिखराव तथा महागठबंधन वोट के ध्रुवीकरण से हुआ फायदा

माले प्रत्याशी की जीत में विरोधी वोट का खूब बिखराव हुआ। इसमें रालोसपा प्रत्याशी अरविद प्रताप शाही, लोजपा प्रत्याशी अखिलेश कुमार सिंह तथा डुमरांव राजघराने के युवराज निर्दलीय प्रत्याशी शिवांग विजय सिंह का नाम प्रमुख है। तीनों प्रत्याशी ने एनडीए के वोट में सेंधमारी की। जबकि महागठबंधन के वोटों का ध्रुवीकरण खूब हुआ। वोटों के ध्रुवीकरण का अनुमान सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि निवर्तमान विधायक ददन पहलवान मतगणना में 9166 वोट पाकर पांचवें स्थान पर पहुंच गए। निर्दलीय सुनील कुमार उर्फ पप्पू यादव तथा जन अधिकार पार्टी के श्रीकांत यादव भी कुछ खास नहीं कर पाए। वोटों का ध्रुवीकरण होने से माले प्रत्याशी को फायदा मिला।

विधानसभा में पड़े कुल 174976 वोट

डुमरांव विधानसभा क्षेत्र में कुल 174976 वोट डाले गए हैं। इसमें ईवीएम के सहारे डाले गए वोटों की संख्या 173077 है। जबकि पोस्टल वोट की संख्या 1899 है।

डुमरांव में प्रत्याशियों को मिले वोट

1- अंजुम आरा - 46905

2- अखिलेश कुमार सिंह - 6474

3- अरविद प्रताप शाही - 11517

4- अजीत कुमार सिंह - 71320

5- विकास सिंह - 1628

6- विनय राउत - 913

7- श्रीकांत सिंह - 1858

8- अंशु कुमारी - 407

9- गंगा प्रसाद - 415

10- ददन यादव - 9166

11- प्रियेश कुमार - 467

12- मनोरंजन कुमार पासवान - 1300

13- मोहम्मद अफजल अंसारी - 2961

14- रविशंकर राय - 1073

15- राजाराम चौधरी - 1277

16- शिवांग विजय सिंह - 9390

17 - संतोष कुमार चौबे - 1763

18- सुनील कुमार उर्फ पप्पू यादव - 4265

19- नोटा - 1877 शिवांग के आगे बिखर गए ददन, नहीं सहेज पाए वोट

पिछले चार बार से डुमरांव विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे निवर्तमान विधायक ददन पहलवान मतों की गिनती में पांचवें स्थान पर रहे। ददन पहलवान को महज 9166 वोट से ही संतोष करना पड़ा। ददन पहलवान को मिला यह वोट डुमरांव राजघराने के युवराज शिवांग विजय सिंह के वोट से कम है। शिवांग विजय सिंह को 9390 वोट प्राप्त हुआ है तथा वे डुमरांव विधानसभा क्षेत्र में मतों के आधार पर क्रम में चौथे स्थान पर है। जबकि शिवांग विजय सिंह ने विधानसभा चुनाव की डुगडुगी बजने के बाद आखिरी क्षणों में चुनाव मैदान में आने की घोषणा कर सबको चौंका दिया था। शिवांग विजय सिंह का यह पहला चुनाव है। ऐसे में चुनाव में उनके इस प्रदर्शन को लोग काफी सराह रहे हैं।


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