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    Bihar News: बिहार में तीन दिन पहले बनी सड़क पर आई दरार, गुणवत्ता पर उठे सवाल

    बक्सर के वार्ड नंबर 11 रानी पद्मावती नगर में निर्मित सड़कों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया और प्राक्कलन के मानकों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया। निर्माण में लोकल बालू और खराब गुणवत्ता वाले सीमेंट का इस्तेमाल हुआ।

    By Anil Ojha Edited By: Akshay Pandey Updated: Thu, 22 May 2025 04:50 PM (IST)
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    रानी पद्मावती नगर में सड़क निर्माण के तीन दिन बाद आई दरार। जागरण।

    संवाद सहयोगी, डुमरांव (बक्सर)। नगर परिषद के विस्तारित क्षेत्र के वार्ड नंबर 11, रानी पद्मावती नगर में निर्मित सड़कों की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। गली नंबर 1, 2 और 3 में बनी सड़कें निर्माण के मात्र तीन महीने बाद ही टूटने-फूटने लगी हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में आक्रोश व्याप्त है।

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    सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया

    लोगों का आरोप है कि सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया और प्राक्कलन के मानकों को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया, जबकि प्रत्येक सड़क का निर्माण कार्य करीब 15 लाख रुपया की लागत से हुआ है।

    लोकल बालू और खराब गुणवत्ता वाले सीमेंट का इस्तेमाल

    स्थानीय निवासियों का कहना है कि निर्माण में लोकल बालू और खराब गुणवत्ता वाले सीमेंट का इस्तेमाल हुआ। इसके कारण सड़कें इतनी जल्दी क्षतिग्रस्त हो गईं। निवासियों ने यह भी खुलासा किया कि निर्माण कार्य के दौरान नगर परिषद का कोई इंजीनियर एक दिन भी मौके पर नहीं पहुंचा।

    सड़क निर्माण निविदा की बजाय विभागीय कार्य के तहत हुआ

    यह सड़क निर्माण निविदा की बजाय विभागीय कार्य के तहत हुआ, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि किसी इंजीनियर के नाम पर काम पूरा किया गया। जिस इंजीनियर के नाम पर यह कार्य आवंटित हुआ है वह भी इस निर्माण को देखने नहीं आया।

    लाखों रुपये के कथित बंदरबांट का भी होगा पर्दाफाश

    अलबत्ता यह योजना पेटी ठेकेदार के हाथ बेच दी गई। मोहल्ले वालों का दबी जुबान से कहना है कि यदि इन सड़कों के निर्माण की निष्पक्ष जांच की जाए तो न केवल इंजीनियरों की जवाबदेही तय होगी, बल्कि लाखों रुपये के कथित बंदरबांट का भी पर्दाफाश होगा।

    स्थानीय लोगों ने वार्ड पार्षद की भूमिका पर भी उठाए सवाल 

    स्थानीय लोगों ने वार्ड पार्षद की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं और मांग की है कि इस मामले की गहन जांच हो। निवासियों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और भविष्य में गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित किया जाए।

    कहते हैं कार्यपालक पदाधिकारी

    डुमरांव नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि तीनों सड़क के निर्माण कार्य की जांच किसी अन्य इंजीनियर से कराई जाएगी। दोषी पाए जाने पर सड़क निर्माण के सिक्योरिटी राशि को जब्त करते हुए दोषी पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। वैसे सभी सड़कों की पांच वर्ष के मरम्मत के लिए अनुबंध है।