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    डुमरांव महाराज के दशकर्म पर हुआ रंग का दस्तूर कार्यक्रम

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 15 Jan 2020 09:18 PM (IST)

    डुमराव महाराजा बहादुर कमल सिंह का बुधवार को दशकर्म का कार्यक्रम हुआ। इस मौके पर राजघराने के उन सभी परंपरा को पूरा किया जा रहा है जो परंपरागत है। इसी क ...और पढ़ें

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    डुमरांव महाराज के दशकर्म पर हुआ रंग का दस्तूर कार्यक्रम

    बक्सर : डुमरांव महाराजा स्व.बहादुर कमल सिंह का बुधवार को दशकर्म का कार्यक्रम हुआ। इस मौके पर राजघराने की परंपरा के तहत रंग का दस्तूर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। परंपरा के निर्वहन के लिए दिवंगत महाराज के छोटे पुत्र कुमार मान विजय सिंह के साले जम्मू-कश्मीर के कोट घड़ी अखनूर स्टेट के वंशज ठाकुर दुष्यंत सिंह जामवाल तथा उनकी पत्नी योगिता सिंह जामवाल ने युवराज चंद्र विजयसिंह को पगड़ी बांधकर रस्म पूरी की। फिर दस्तूर की राशि थमा कर दोनों ने युवराज से आशीर्वाद ग्रहण किया।

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    बाद में छोटे युवराज कुमार मान विजय सिंह को पगड़ी बांधा गया। इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की पत्नी सीता सिंह, दिवंगत महाराज की बहन संगीता सिंह, इकलौती बेटी तथा युवराज की बहन मृदुला सिंह, पौत्र सुमेर विजय सिंह, शिवांग विजय सिंह, समृद्ध विजय सिंह और पौत्री आकृति एवं रोहिणी मौजूद रहीं। मान विजय सिंह राज परंपरा के अनुसार रंग का दस्तूर दशकर्म के दिन किया जाता है। जिसमें परिवार के सभी लोगों की उपस्थिति होती है। इसमें इस दस्तूर को करने वाला सभी लोगों को वस्त्र और दस्तूर की राशि प्रदान करता है।

    हमेशा याद किए जाएंगे महाराजा साहब-सीता सिंह

    संवाददाता, डुमरांव (बक्सर) : स्व.कमल बहादुर सिंह पूरे परिवार के लिए मजबूत खंभा थे, उनका स्वभाव इतना अच्छा था कि वे हमेशा याद किए जाएंगे। यह कहना था पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय विश्वनाथ प्रताप सिंह की पत्नी सीता सिंह का। सीता सिंह का ननिहाल डुमरांव राज परिवार में है। डुमराव महाराज सीता सिंह के ममेरे भाई तथा उम्र में बड़े थे। बीते दिनों को याद करते हुए सीता सिंह ने कहा कि दिल्ली आने पर भैया मेरे घर जरूर आते थे और आते ही खाने की फरमाइश होती थी। उनके खाने में कोई झंझट नहीं होता था, क्योंकि दाल चावल और आलू का भुजिया उन्हें बहुत पसंद था। बुधवार को दिल्ली से डुमरांव पहुंचीं सीता सिंह पूरे परिवार से मिलजुल कर शाम में दिल्ली के लिए रवाना हो गईं।