बक्सर से प्रतापसागर तक लगा भीषण जाम, बाईपास रोड में फंसे रहे वाहन
बक्सर में बालू लदे ट्रकों के प्रवेश पर रोक के बावजूद शहर में जाम लग रहा है, जिससे यातायात प्रभावित है। एनएच 922 पर दबाव बढ़ गया है, क्योंकि ट्रक टोल बचाने के लिए शहर से गुजर रहे हैं। एक स्कूल वैन ने कई वाहनों को टक्कर मार दी, जिससे कई लोग घायल हो गए। चौसा-कोचस मार्ग पर ट्रक धंसने से यातायात बाधित रहा।
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ओवरब्रिज के पास ट्रक फंसा-10 घंटे जाम। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, बक्सर। जिले में नए अधिकारियों के पदस्थापन के साथ यातायात की व्यवस्था बदल गई है। लगातार हो रहे सड़क हादसों और सारे दिन लगने वाले जाम को देखते हुए जिला मुख्यालय से होकर बालू लगे ट्रकों की आवाज यहीं पर तत्कालीन डीएम अंशुल अग्रवाल और एसडीओ धीरेंद्र मिश्रा ने रोक लगा दी थी।
ऐसे ट्रकों को पटना बक्सर एनएच होकर चलने की हिदायत दी गई थी। यह आदेश अभी भी अपनी जगह पर यथावत है। लेकिन इसे लागू करने वाली व्यवस्था ने अपने स्तर से इसमें ढील देनी शुरू कर दी है।
इसका नतीजा है कि शाम ढलते ही चौसा और धनसोईं से लेकर बक्सर तक ट्रकों का जाम लग रहा है और इसका असर देर सुबह तक दिख रहा है। इससे रेलवे स्टेशन जाने वाले लोग और स्कूल वाहन विशेष रूप से प्रभावित हो रहे हैं। सोमवार को सुबह से ही प्रमुख सड़कों पर भीषण जाम लग गया।
पटना-बक्सर एनएच 922 पर प्रतापसागर तक एक लेन जाम
बालू घाट शुरू होते ही पटना-बक्सर एनएच 922 पर भी दबाव बढ़ गया है। बालू लेकर यूपी जाने वाले ट्रकों के कारण प्रतापसागर तक एक लेन जाम रही। इसके चलते छोटे वाहन गलत दिशा वाली लेन में चलते दिखे। यूपी साइड में ट्रकों को धीरे-धीरे रोककर लिए जाने के कारण ट्रकों का जाम यहां बीते तीन वर्ष से बड़ी समस्या बना हुआ है।
टोल बचाने के लिए शहर से होकर गुजरते हैं ट्रक
पटना-बक्सर एनएच पर टोल देने से बचने के लिए भारी वाहन दिनारा से धनसोईं, इटाढ़ी और कोचस से चौसा का रास्ता पकड़ लेते हैं। ये वाहन यूपी जाने से पहले बक्सर शहर के बीच से होकर गुजरते हैं।
इन ट्रकों की तादाद इतनी अधिक होती है, जिसे शहर की संकरी सड़कें नहीं झेल पाती हैं। दूसरी तरफ बक्सर गोलंबर पर जाम के कारण पूरा शहर इन ट्रकों की कतार लगने से अवरुद्ध हो जाता है।
इसी स्थिति से बचने के लिए अनुमंडल प्रशासन ने व्यवस्था की है कि ऐसे ट्रक मलियाबाग या जगदीशपुर से होकर पटना-बक्सर एनएच होकर यूपी की ओर जाएं। यह व्यवस्था पिछले कई महीने से लागू है और इससे काफी राहत मिल रही थी।
अनियंत्रित स्कूल वैन ने कई वाहनों में मारी टक्कर, आधा दर्जन जख्मी
जिला मुख्यालय में प्रतापसागर से बाईपास रोड तक लगे भीषण जाम के बीच नगर थाना अंतर्गत गोलंबर के पास सोमवार की सुबह छोटकी सारिमपुर की ओर से आ रही स्कूल वैन ने एक साथ कई वाहनों को टक्कर मार दी।
हालांकि, इस हादसे में करीब पांच-छह लोग जख्मी हुए हैं, जिनका पास ही मौजूद निजी चिकित्सालय में उपचार कराया गया। इस मामले में पुलिस ने स्कूल वैन को जब्त कर लिया है। हादसे के बाद मौके से चालक फरार हो गया है।
वैन में अकेले केवल चालक ही था और इसमें अन्य कोई व्यक्ति सवार नहीं था। घटना सुबह 8.30 बजे के करीब गोलंबर के पास मेन रोड में छोटकी सारिमपुर मोड़ पर हुई। वैन छोटकी सारिमपुर की ओर से आ रही थी।
मेन रोड में मुड़ते ही वैन ने आल्टो कार, एक आटो और एक बाइक को टक्कर मार दी। घायलों में सोहनीपट्टी निवासी मनोज शर्मा, यूपी के सोहांव निवासी हरेंद्र सिंह, गुड़िया देवी, एजाज अहमद, मनीषा सिंह, रौशन कुमार और एक पांच वर्षीय बच्ची शामिल है। हादसे की पुष्टि करते थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि चालक की तलाश की जा रही है। पुलिस के अनुसार सभी घायल खतरे से बाहर हैं और उन्हें मामूली चोट लगी है।
चौसा-कोचस मुख्य मार्ग स्थित 78 बी रेल गेट के पास बन रहे ओवरब्रिज के समीप बीती रात एक ट्रक सड़क में धंस जाने से आवागमन पूरी तरह ठप हो गया। लगभग 10 घंटे बाद प्रशासन व निर्माण कम्पनी की कड़ी मशक्कत के बाद आवागमन की सेवा बहाल हो सकी।
बताया जाता है घटना रात्रि करीब 12 बजे के बाद की बताई जा रही है। बक्सर की ओर से जा रही एक ट्रक वैकल्पिक कच्ची सड़क पर मिट्टी में धंस गई। जिससे यह मार्ग अवरुद्ध हो गया।
इसके कारण दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई सुबह होते-होते यह भारी वाहनों की कतार लगभग करीब दस किलोमीटर दायरे तक बढ़ गया जिससे जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस जाम की सूचना मिलते ही प्रशासन पहुंच सड़क जाम हटाने का प्रयास किया जा रहा था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ओवरब्रिज निर्माण के कारण वैकल्पिक बनाई गई मिट्टी की सड़क कमजोर हो चुकी है। इसी वजह से ट्रक का पिछला हिस्सा अचानक धंस गया और वह सड़क के बीच फंस गया।
इसके चलते छोटे-बड़े वाहन समेत एंबुलेंस तक घंटों जाम में फंसे रहे। सुबह होते ही स्थिति और गंभीर हो गई। जाम में फंसे स्कूल वाहनों को वापस लौटना पड़ा। कई बच्चे देर तक बसों में बैठे रहे, जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने छात्रों को सुरक्षित घर भेजने का निर्णय लिया। स्थानीय दुकानदारों व राहगीरों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
सूचना पर मुफस्सिल पुलिस मौके पर पहुंचे और राहत कार्य में जुट गए। निर्माण एजेंसी के कर्मचारियों के साथ मिलकर पुलिस ने भारी क्रेन मंगाई व फंसे ट्रक को बाहर निकाल यातायात को बहाल किया गया।
स्थानीय नागरिकों ने ओवर ब्रिज निर्माण कम्पनी की लापरवाही से आये दिन स्थिति बन जा रही है। वैकल्पिक बनाई गई सड़क पर बेहतर ढंग से ईंट टुकड़े या गिट्टी मेटेरियल की भराई न कराये जाने से ऐसी स्थिति पैदा हो रही। प्रशासन से मांग की है कि ओवरब्रिज निर्माण के दौरान सड़क सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन किया जाए।
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