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    Bihar Bhumi: पति गए परदेस तो राजस्व शिविर में प्रपत्र जमा करने के लिए पत्नी परेशान, किसानों को निराशा

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 04:18 PM (IST)

    बक्सर जिले के ब्रह्मपुर अंचल में राजस्व महाभियान शिविरों में महिलाओं को प्रपत्र जमा करने में परेशानी हो रही है। कर्मचारियों द्वारा विभिन्न कागजातों की मांग की जा रही है जिससे भूमि सुधार के लिए आवेदन करने में दिक्कतें आ रही हैं। किसानों का आरोप है कि उनसे अनावश्यक दस्तावेज मांगे जा रहे हैं जिससे वे निराश होकर लौट रहे हैं। अधिवक्ता ने शिविर की उपयोगिता पर प्रश्नचिन्ह लगाया है।

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    पति गए परदेस तो राजस्व शिविर में प्रपत्र जमा करने के लिए पत्नी परेशान

    संवाद सहयोगी, ब्रह्मपुर (बक्सर)। पति अपने रोजी-रोजगार के लिए परदेश में हैं, तो दूसरी तरफ राजस्व महाभियान के शिविर में प्रपत्र जमा करने के लिए उनकी पत्नियां काफी परेशान हैं। कर्मचारियों द्वारा शिविर में औरतों से कई तरह के कागजातों की मांग कर भूमि सुधार के लिए प्रपत्र जमा करने से इनकार कर दिया गया।

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    ब्रह्मपुर अंचल के महुआर और बैरिया पंचायत में शनिवार को आयोजित राजस्व महाभियान शिविर में इस तरह के कई मामले देखने को मिले।  आश्चर्य तो यह है कि अंचल कार्यालय में सभी मौजे का खतियान होने के बाद भी प्रपत्र जमा करने वालों से खतियान की मांग कर जमा करने से इनकार किया जा रहा है।

    बैरिया पंचायत के पांडेपुर गांव निवासी हिमंता देवी और मधु देवी ने बताया कि उनके पति कमाने के लिए बाहर गए हैं और मालिक की जमीन में वे सिकमीदार हैं और उनके पास पुरानी रसीद भी है। तीन पीढ़ियों से घर बनाकर रहते हैं, लेकिन शिविर में कर्मचारियों ने खतियान की मांग कर उनका प्रपत्र जमा करने से इनकार कर दिया। कई तरह के कागजातों की मांग कर अनेक महिलाओं का प्रपत्र जमा नहीं होने से निराश लौट गईं।

    इसी प्रकार, संतलाल चौधरी अपने तीन भाइयों के साथ प्रपत्र जमा करने गए थे, लेकिन उनके साथ भी ऐसा ही हुआ। अभिषेक चौधरी और भीम चौधरी का कहना है कि राजस्व कर्मचारी गरीब लोगों से तरह-तरह के कागजातों की मांग कर प्रपत्र जमा नहीं करते हैं। यह अभियान गरीब किसानों को परेशान करने वाला और पूरी तरह से छलावा है।

    महुआर पंचायत के शिविर में भी इसी तरह की मनमानी देखने को मिली। वहां भी फॉर्म सही नहीं भरने और कई तरह के कागज़ात नहीं होने का हवाला देकर किसानों को निराश लौटा दिया गया। शिविर में आम लोगों के सहयोग करने के बदले पंचायत प्रतिनिधि खुद बड़ी संख्या में रैयत शिविर से निराश लौट रहे हैं।

    सो हन प्रसाद ने बताया कि बहुत से लोगों को जमाबंदी प्रपत्र नहीं दिया गया है और कर्मचारी तरह-तरह के कागज़ातों की मांग कर रहे हैं। करीमन यादव का कहना है कि उन्हें शिविर के बारे में जानकारी नहीं है।

    असंभव है प्रपत्र भरना व कागजातों को जुटाना

    सिविल कोर्ट के अधिवक्ता प्रभाकर पांडे ने बताया कि शिविर में जमीन की गड़बड़ी सुधार की कोई आशा नहीं है, बल्कि आम आदमी की परेशानी बढ़ गई है और कर्मचारियों की मनमानी अलग है।

    शिविर में भरे जाने वाले प्रपत्र के कॉलम को भरना और कई तरह के पुराने कागजातों को जुटाना आम आदमी के लिए संभव नहीं है और शिविर में यही हो रहा है। अंचल कार्यालय में सभी तरह के कागज़ात होने के बाद भी रैयतों से मांग करना शिविर की उपयोगिता पर गंभीर प्रश्नचिन्ह है।

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