दुष्कर्मी शिक्षक को 20 साल कठोर कारावास की सजा, 50 हजार रुपए जुर्माना; पीड़िता को मिलेंगे 10 लाख
ट्यूशन शिक्षक को नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के मामले में कोर्ट ने 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। शिक्षक सतीश राजभर पर आरोप था कि उसने छात्रा को मैट्रिक परीक्षा में अच्छे नंबर लाने का लालच देकर दुष्कर्म किया और तस्वीर भी खींची। घरवालों ने प्राथमिकी दर्ज कराई जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने पीड़िता को मुआवजा देने का भी आदेश दिया है।

जागरण संवाददाता, बक्सर। कल पूरा देश शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को सम्मानित करने का काम करेगा, वहीं शिक्षक के पेशा और नाम को कलंकित करने वाले एक शिक्षक को कोर्ट ने 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है।
मामला राजपुर थाना क्षेत्र से है, जहां नाबालिग छात्रा से ट्यूशन शिक्षक द्वारा दुष्कर्म किए जाने की घटना हुई थी। इस मामले में गुरुवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई एडीजे-छह अमित कुमार शर्मा की कोर्ट में की गई।
जानकारी देते पाक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक सुरेश कुमार सिंह ने बताया कि यह घटना राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत प्रथम सप्ताह जून 2023 की है। 15 वर्षीय 10वीं कक्षा की छात्रा पास के गांव कोचाढ़ी निवासी ट्यूशन शिक्षक सतीश राजभर के यहां ट्यूशन पढ़ने के लिस जाती थी।
आरोपित शिक्षक पीड़िता को मैट्रिक की छात्रा होने के नाते विशेष तैयारी के लिए अलग से अकेले में बुलाने लगा। इसी दौरान उसने पीड़िता के साथ वारदात को अंजाम देने के साथ ही इसकी तस्वीर भी बना ली।
किसी तरह पीड़िता के घरवालों ने जब तस्वीर देखी और पीड़िता से पूछा तो उसने पूरी बात बताते हुए कहा कि शिक्षक उसे मैट्रिक परीक्षा में बेहतर नंबर लाने के नाम पर अकेले में बुलाते हुए गलत काम को अंजाम दिया साथ ही किसी से बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी।
मामला संज्ञान में आते ही घरवालों ने घटना की प्राथमिकी कराई जिसके बाद से ही आरोपित जेल में बंद है। मामले की सुनवाई के क्रम में दोषी पाते हुए कोर्ट ने आरोपित को 20 साल कठोर कारावास के साथ 50 हजार रुपया जुर्माना की सजा सुनाई है। अभियुक्त द्वारा दी गई जुर्माना राशि पीड़िता को देय होगी।
वहीं, जुर्माना राशि नहीं अदा करने पर अभियुक्त को एक साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। इसके अलावा कोर्ट ने पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत पीड़िता को सात लाख रुपये देने का आदेश दिया है।
मामले की सुनवाई के दौरान ही पीड़िता की मां का निधन हो गया था। इसको देखते हुए कोर्ट ने पीड़िता के पिता को भी तीन लाख रुपये दिए जाने का आदेश सुनाया है।
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