Updated: Tue, 31 Dec 2024 12:42 PM (IST)
Buxar News बक्सर के नाले के गंदे पानी से गंगा नदी को मुक्ति दिलाने की योजना पर एक बार फिर प्रक्रिया आगे बढ़ती दिख रही है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने जिला मुख्यालय में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की अधूरी योजना को पूरा करने के लिए नए सिरे से सर्वे कराया है।चयनित एजेंसी ने सर्वे किया है और 6 स्थानों को चिह्नित किया है।
जागरण संवाददाता, बक्सर। Buxar News: बक्सर शहर के नालों के गंदे पानी से पतित पावनी गंगा को मुक्ति दिलाने की योजना पर एक बार फिर प्रक्रिया आगे बढ़ती दिख रही है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने जिला मुख्यालय में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की अधूरी योजना को पूरा करने के लिए नए सिरे से सर्वे कराया है। यह सर्वे ग्रीन डिजाइन एंड इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड नाम की एजेंसी ने किया है।
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6 जगहों को किया गया चिह्नित
एजेंसी ने भौगोलिक स्थिति के आधार पर सर्वे करते हुए एसटीपी के लिए नए स्थल को चिह्नित किया है। इस एजेंसी ने एसटीपी, सीवेज वेट लैंड, इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन (आइपीएस) और मुख्य पंपिंग स्टेशन (एमपीएस) के लिए कुल छह स्थानों को चिह्नित कर इसकी सूची विभाग को सौंपी है। एजेंसी ने इन स्थलों के अनुसार परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट बनाने से पहले विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र मांगा है।
अगर विभाग इन चिह्नित स्थलों पर संबंधित संरचनाओं के विकास की अनुमति दे देता है, तो एजेंसी इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेगी। तब योजना का पूरा स्वरूप और उसकी लागत स्पष्ट हो सकेगी।
पुरानी योजना के अनुसार एसटीपी का निर्माण बक्सर गोलंबर से छोटकी सारिमपुर जाने वाली सड़क के किनारे पश्चिम तरफ हो रहा था।
इसका आधा से अधिक काम पूरा हो चुका है। लेकिन इस भूखंड को लेकर विवाद था और एक निजी पक्ष ने इस भूमि के स्वामित्व के मसले पर न्यायालय से अपने पक्ष में फैसला हासिल कर लिया है। इसके बाद यह पूरा निर्माण बेकार होना पहले ही तय हो गया था।
अब इन नई जगहों को किया गया चिह्नित
अब विभाग की ओर से अधिकृत एजेंसी ने पुराने निर्माणाधीन एसटीपी के ठीक पूरब में खाली पड़ी जमीन को इसके लिए चिह्नित किया है। यह जमीन उपरोक्त सड़क और गंगा पुल के संपर्क पथ के बीच में है।
इस जमीन पर काफी पहले से पेड़ हुए हैं, जो लगातार जलजमाव के कारण एक-एक कर गिर रहे हैं। यह जमीन फिलहाल दलदल जैसी है। यहां एसटीपी के लिए 150 गुणा 200 वर्गमीटर जमीन चिह्नित की गई है। चार जगह बनेंगे पंपिंग स्टेशन भूमिगत नालों के जरिए पूरे शहर के गंदे जल को एसटीपी तक पहुंचाने के लिए तीन इंटरमीडिएट और एक मुख्य पंपिंग स्टेशन का निर्माण होगा।
पंपिंग स्टेशन के लिए श्मशान घाट से पूरब की जगह चिह्नित
पुरानी योजना में केवल दो इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन का निर्माण होना था। अब इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन के लिए पहली जगह श्मशान घाट से पूरब और पंच मंदिर के उत्तर गंगा किनारे चिह्नित की गई है।
दूसरी जगह नाथ बाबा मंदिर के ठीक सामने नहर की दूसरी तरफ चिह्नित है। तीसरे आइपीएस के लिए बड़की सारिमपुर काली मंदिर से उत्तर स्थान चिह्नित किया गया है। मुख्य पंपिंग स्टेशन के लिए पुलिया घाट को चिह्नित किया गया है। ये तीनों स्थान भी गंगा के बिल्कुल किनारे हैं।
कृतपुरा के पास सिवेज वेटलैंड सिवेज वेटलैंड के लिए कृतपुरा के सामने प्राथमिक विद्यालय, रामजियावनगंज से आगे बढ़ते हुए गंगा के ठीक किनारे स्थल चिह्नित किया गया है। यहां 140 गुणा 150 मीटर क्षेत्रफल में एक एमएलडी क्षमता के वेटलैंड का निर्माण करने की योजना है।
यह स्थल फिलहाल नगर परिषद क्षेत्र से बाहर है। इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन के लिए 25 गुणा 30 वर्गमीटर जबकि मुख्य पंपिंग स्टेशन के लिए 30 गुणा 40 वर्गमीटर जगह चिह्नित की गई है।
चयनित सभी स्थानों पर उठ रहे सवाल एजेंसी ने कुल छह स्थानों को अलग-अलग संरचना के लिए चिह्नित करते हुए अनापत्ति मांगी है। लेकिन इन सभी छह स्थलों के चयन पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सभी आइपीएस और एमपीएस ऐसी जगह पर बनाने की योजना एजेंसी ने बनाई है, जो गंगा नदी का डूब क्षेत्र है।
एजेंसी ने अपने प्रस्ताव में जिस अक्षांश और देशांतर का जिक्र किया है, उनमें से पांच गंगा में बाढ़ आने की स्थिति में डूब जाते हैं।
एसटीपी के साथ गंगा पर बन रहे तीसरे पुल का संपर्क मार्ग गुजरने वाला है
वहीं एसटीपी के लिए जो जगह एजेंसी ने चिह्नित की है, उसी जगह से बक्सर में गंगा पर बनने वाले तीसरे पुल का संपर्क मार्ग गुजरने वाला है। ऐसे में इन स्थानों के लिए विभाग की ओर से सहमति मिलती है या नहीं, इस पर सभी की नजर रहेगी।
पिछली बार अधिकारियों ने एसटीपी के लिए निजी भूमि का चयन कर कार्य भी शुरू करा दिया था। इसका नतीजा हुआ कि आम आदमी की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपए का निवेश बर्बाद हो गया है।
नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा चयनित एजेंसी द्वारा नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत उपरोक्त जगहों का चयन एसटीपी और इससे जुड़ा नेटवर्क बनाने के लिया किया गया है।
एजेंसी के प्रस्ताव की जांच विभाग द्वारा नामित कमिटी करेगी, जिसमें संबंधित नगर निकाय के कार्यपालक पदाधिकारी, बुडको के संबंधित परियोजना निदेशक/उप परियोजना निदेशक और डीपीआर हेतु चयनित एजेंसी के प्रतिनिधि शामिल रहेंगे। तत्पश्चात एसटीपी निर्माण के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। - आशुतोष गुप्ता, कार्यपालक अधिकारी, नगर परिषद
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