Buxar Weather Update: गर्मी ने दिन और रात का फर्क मिटाया, जून में अच्छी वर्षा के आसार
बक्सर और आसपास के इलाकों में बारिश के बावजूद उमस भरी गर्मी जारी है। न्यूनतम तापमान 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार जून में सामान्य से अधिक बारिश की संभावना है। डुमरांव अनुमंडल क्षेत्र में अच्छी वर्षा हुई है जबकि जिला मुख्यालय में कम बारिश हुई। कृषि विभाग ने कुछ प्रखंडों में वर्षा दर्ज की है। साल 2025 में मानसून अच्छा रहने का अनुमान है।
गिरधारी अग्रवाल, बक्सर। आसपास के जिला क्षेत्रों की हुई वर्षा से जैसे उफनती भाप पर तीखी ताप सता रही है। पूरब की हवा के बहाव में गुरुवार को न्यूनतम तापमान 29.5 डिग्री सेल्सियस के साथ जहां इस साल के शिखर अंक पर दर्ज किया गया है। वहीं, अधिकतम तापमान भी लगभग 35 डिग्री सेल्सियस के करीब रहते दर्ज किया जा रहा है।
ऐसे में देखा जाए तो न्यूनतम व अधिकतम तापमान में लगभग चार से पांच डिग्री सेल्सियस का अंतर रह गया है। यूं कहें, विगत दो दिन से मौसम का जो हाल बना हुआ है उसमें दिन हो या रात, दोनों में लोगों को चैन नहीं है।
मौसम विज्ञान विभाग केंद्र, पटना के अनुसार जून में सामान्य से अधिक वर्षा राज्य में होने की संभावना व्यक्त की गई है। विभाग ने 28 से 31 मई तक भी जिले में वर्षा की संभावना जताई थी, जो एक-दो स्थानों पर बूंदाबांदी तक सिमट कर रह गई।
ऐसा भी नहीं कि जिले में प्री-मानसून की वर्षा कभी न हुई हो। यह और बात है कि जिला मुख्यालय में कभी-कभार क्षणिक समय के लिए मेघ बरसे हों, लेकिन जिला के डुमरांव अनुमंडल क्षेत्र में अच्छी वर्षा होने के परिमाण मिले हैं।
जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को चक्की में 19.2 मिलीमीटर, चौगाई में 20.2 मिलीमीटर, केसठ में 16.2 मिलीमीटर एवं सिमरी प्रखंड अंतर्गत 1.2 मिलीमीटर वर्षा होने की माप की गई है।
इससे पहले भी इस अनुमंडल क्षेत्र के कुछ प्रखंडों में कुल 10 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है, जबकि पूरे माह के दौरान जिला मुख्यालय (सदर प्रखंड) में मात्र छह मई को (17.6 मिमी.) वर्षा हुई है। यह वर्षा लगभग जिले के सभी प्रखंडों में हुई थी। बहरहाल, आसमान में आंशिक बादल हैं, लेकिन नौतपा की तीखी धूप भी है।
मानसून का क्या है पूर्वानुमान?
मौसमविदों के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून का पुनरीक्षित दीर्घावधि पूर्वानुमान में साल 2025 के दौरान राज्य में वर्षा सामान्य से अधिक यानी एलपीए का 111 प्रतिशत से अधिक रहने की संभावना जताई गई है।
यह संकेत करता है कि राज्य को मानसून के दौरान अच्छी वर्षा प्राप्त होने की संभावना है, जो कृषि एवं जल संसाधन प्रबंधन के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
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