बक्सर में एसडीएम और वकीलों के बीच नोकझोंक, SDM ने लगाया हाथापाई करने का आरोप
बक्सर अनुमंडल कार्यालय में एसडीएम और वकीलों के बीच विवाद हो गया। दोनों पक्षों ने मारपीट और हाथापाई के आरोप लगाए हैं। विवाद जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान शुरू हुआ। वकीलों ने एसडीएम पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है जबकि एसडीएम ने वकीलों पर हाथापाई का आरोप लगाया है। वकीलों ने न्यायालय में शिकायत दर्ज कराई है और एसडीएम प्राथमिकी दर्ज कराने की बात कह रहे हैं।

जागरण संवाददाता, बक्सर। सदर अनुमंडल कार्यालय में गुरुवार को अनुमंडल पदाधिकारी अविनाश कुमार और वकीलों के बीच होने का मामला सामने आया है।
इस प्रकरण में दोनों पक्षों ने मारपीट और हाथापाई का आरोप भी लगाया है। विवाद का यह सिलसिला गत मंगलवार से ही शुरु हुआ था। मामला सिकरौल थाना से जुड़े एक मामले में जमानत के आवेदन की सुनवाई से जुड़ा है।
आरोपित की गिरफ्तारी गत रविवार को हुई थी। मंगलवार को जमानत आवेदन की सुनवाई के दौरान हुए विवाद के बाद वकीलों का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को पुन: एसडीएम से मिलने पहुंचा था।
इसी दौरान विवाद और बढ़ गया। इस प्रकरण से जुड़ा एक वीडियो इंटरनेट पर प्रसारित हो रहा है, जिसमें कुछ वकील एसडीएम के अंगरक्षक से हाथापाई करते दिख रहे हैं।
इस मामले में वकील पक्ष ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में एसडीएम के खिलाफ परिवाद दायर किया है, जबकि एसडीएम ने कहा कि वह मामले में प्राथमिकी कराएंगे।
एसडीएम के मुताबिक वकीलों ने उनके साथ बदसलूकी की और उनके अंगरक्षक और अन्य स्टाफ के साथ ही हाथापाई की। उन्होंने कहा कि अगर वकील उनके फैसले से असहमत थे, तो उन्हें कानूनी तरीके से अपनी बात अगले स्तर पर रखनी चाहिए थी।
दूसरी तरफ वकील पक्ष की ओर से दायर किए गए परिवाद में कहा गया है कि जमानतीय धारा में गिरफ्तारी होने के बावजूद सदर एसडीएम ने बीते रविवार को एक आरोपित को जेल भेज दिया।
वकील पक्ष का कहना है कि इस संबंध में गत मंगलवार को जमानत आवेदन दाखिल किया गया, तो एसडीएम ने जमानत देने से इनकार कर दिया और जमानतदारों के कागजात का सत्यापन कराने की बात कही।
नियम के मुताबिक कार्य करने की सलाह देने पर एसडीएम ने मारपीट की। साथ ही वकील का मोबाइल छीन लिया और जबर्दस्ती बैठाकर रखा।
ऐसे बढ़ा विवाद
गुरुवार को वकीलों का समूह एसडीएम से मिलने पहुंचा था। वकीलों का कहना है कि एसडीएम के बॉडीगार्ड ने उन्हें कार्यालय कक्ष में अंदर जाने से रोकते हुए वीडियो बनाने लगा।
इसी बात को लेकर हंगामा बढ़ गया। इसके बाद कुछ वकीलों ने गार्ड का मोबाइल छीन लिया। हालांकि तुरंत बाद ही उन्होंने गार्ड का मोबाइल लौटा भी दिया।
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