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    Buxar News: केवी की जमीन का मामला 5 महीनों से लटका, नहीं हुआ लीज डीड पर हस्ताक्षर

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 11:30 AM (IST)

    बक्सर जिले में केंद्रीय विद्यालय पिछले 23 सालों से उधार की जमीन पर चल रहा है। सरकार ने जमीन स्वीकृत कर दी है लेकिन लीज डीड अभी तक फाइनल नहीं हो पाया है। जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारी को हस्ताक्षर के लिए अधिकृत किया जबकि वे इसके लिए अधिकृत नहीं हैं। पुराने भवन के अयोग्य होने के कारण कक्षाएं दो शिफ्ट में चल रही हैं।

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    केवी की जमीन का मामला पांच माह से लटका, नहीं हुआ लीज डीड पर हस्ताक्षर

    जागरण संवाददाता, बक्सर। जिले में पिछले 23 साल से उधार की जमीन और उधार के भवन में संचालित केंद्रीय विद्यालय को जमीन मिल भी गई, तो जिले में आकर यह अटक गई है। मई माह में ही कैबिनेट की बैठक में 11 नंबर लख पर केंद्रीय विद्यालय की जमीन को सरकार ने स्वीकृति दे दी, लेकिन प्रशासनिक कार्य संस्कृति की गति का नतीजा है कि सितंबर में भी उसका लीज डीड फाइनल नहीं हो सका।

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    सब कुछ होने के बाद अब यह हस्ताक्षर पर अटका है, जबकि शिक्षा विभाग के सचिव अजय यादव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि लीज डीड पर संबंधित जिला पदाधिकारी हस्ताक्षर करेंगे या फिर वह एडीएम या डीडीसी को इसके लिए नामित कर सकते हैं।

    बताया जाता है कि जिले में केंद्रीय विद्यालय की जमीन की मापी वगैरह का काम पूर्ण हो जाने के उपरांत जिला पदाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह ने लीज डीड पर साइन करने के लिए अंचलाधिकारी को अधिकृत कर दिया है। अंचलाधिकारी तो इसके लिए अधिकृत हैं नहीं, ऐसे में लीज डीड की फाइल अभी भी प्रशासनिक गलियारे में ही घूम रही है।

    बताया जाता है कि विद्यालय की लीज डीड के फाइनल होने के बाद भी तुरंत भवन निर्माण का काम नहीं लग जाएगा, बल्कि उसके बाद भी कई तरह की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही विद्यालय के भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ हो सकेगा।

    इधर, विद्यालय के पुराने भवन को भवन निर्माण विभाग ने पूरी तरह से अयोग्य घोषित कर दिया है। लिहाजा पिछले साल तत्कालीन जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल एवं एमपी हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक डॉ. विजय कुमार मिश्र ने एमपी हाईस्कूल के जो आठ अन्य कमरे केंद्रीय विद्यालय को उपलब्ध कराए हैं, फिलहाल विद्यालय का संचालन उसी में हो रहा है।

    उसमें सभी बच्चे एक साथ नहीं आ सकते, इसलिए दो शिफ्ट में पढ़ाई कराई जा रही है। इस परिस्थिति में प्रशासन को चाहिए कि जितना जल्द हो, कागजी कार्रवाई पूरी करे ताकि विद्यालय के भवन निर्माण काम प्रारंभ हाे सके और बच्चे अपने विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर सकें।

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