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    Buxar Holding Tax: होल्डिंग टैक्स वसूली को लेकर सख्त हुआ नगर परिषद, बड़े बकाएदारों के नाम करेगा सार्वजनिक

    Updated: Sun, 23 Mar 2025 11:38 PM (IST)

    बक्सर नगर परिषद ने शहर के विकास के लिए अपना अनुमानित बजट प्रस्तुत किया है। इस बजट में आय और व्यय के स्रोतों को विस्तार से दर्शाया गया है। संपत्ति कर को राजस्व का प्रमुख आधार बनाया गया है। वर्ष 2025-26 के लिए संपत्ति कर से 5 करोड़ 19 लाख 75 हजार रुपये की वसूली का लक्ष्य रखा गया है।

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    होल्डिंग टैक्स वसूली को लेकर सख्त हुआ नगर परिषद। (फोटो जागरण)

    जागरण संवाददाता, बक्सर। स्थानीय नगर परिषद ने शहर के विकास के लिए अपना अनुमानित बजट प्रस्तुत किया है, जिसे कुछ संशोधनों के बाद पारित किया जाएगा।

    इस बजट में आय और व्यय के स्रोतों को विस्तार से दर्शाया गया है, जिसमें संपत्ति कर को राजस्व का प्रमुख आधार बनाया गया है। वर्तमान में क्षेत्र के मकानों पर संपत्ति कर वार्षिक किराया मूल्य का नौ प्रतिशत निर्धारित है।

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    वर्ष 2025-26 के लिए संपत्ति कर से पांच करोड़ 19 लाख 75 हजार रुपये की वसूली का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सभी अनिर्धारित और नए मकानों को होल्डिंग टैक्स के दायरे में लाने की योजना है।

    बड़े बकायेदारों की सूची अखबारों में होगी प्रकाशित

    साथ ही, बड़े बकायेदारों की सूची अखबारों में विज्ञापन के जरिए प्रकाशित की जाएगी। जिन लोगों द्वारा समय पर कर का भुगतान नहीं किया जाएगा, उनके खिलाफ बिहार नगरपालिका कर एवं गैर-कर विनियम 2014 के तहत कानूनी कार्रवाई होगी। इससे नगर परिषद के राजस्व में सम्मानजनक वृद्धि की उम्मीद है।

    15वीं और 16वीं वित्त आयोग की गाइडलाइंस के अनुसार, यदि कोई निकाय होल्डिंग टैक्स वसूली में असफल रहता है, तो उसे परफॉर्मेंस ग्रांट से वंचित होना पड़ सकता है। इसके अलावा, स्टाम्प और मुद्रांक शुल्क भी शहरी विकास के लिए महत्वपूर्ण स्रोत है।

    निबंधन विभाग के तहत शहरी क्षेत्र में जमीन और मकानों के हस्तांतरण पर 2 प्रतिशत स्टाम्प शुल्क वसूला जाता है, जिससे 10 करोड़ 45 लाख रुपये की आय का अनुमान है।

    प्रोफेशनल टैक्स, जो व्यवसायियों, पेशेवरों और वेतन भोगियों से लिया जाता है, वह भी राजस्व का एक हिस्सा है। बिहार नगरपालिका अधिनियम के तहत लागू इस कर से 65 लाख 3 हजार 750 रुपये की प्राप्ति की उम्मीद है।

    आय के अन्य स्रोतों में सड़क किनारे अस्थायी दुकानों, वाहनों, सैरात बंदोबस्ती और नगर परिषद के मार्केट से किराए के रूप में 1 करोड़ 38 लाख 89 हजार 235 रुपये शामिल हैं।

    फी और यूजर चार्ज जैसे ट्रेड लाइसेंस, जन्म-मृत्यु शुल्क, अतिक्रमण हटाने का शुल्क, भवन अनुज्ञा शुल्क, पानी के टैंकर और सेप्टिक टैंक सफाई से 2 करोड़ 14 लाख 60 हजार 416 रुपये की आय का लक्ष्य है।

    फॉर्म बिक्री, प्रकाशन और उपकरण भाड़े से 35 लाख 6 हजार 250 रुपये की उम्मीद है। इन उपायों से नगर परिषद का लक्ष्य वित्तीय मजबूती और शहर के विकास को गति देना है।

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