Buxar Lok Sabha Result 2024: बक्सर में BJP का खेल किसने बिगाड़ा? राज से हट गया पर्दा; सियासी हलचल तेज
Buxar News बीजेपी के गढ़ बक्सर में कैसे हो गया खेला अब इस बात से पर्दा हट गया है। चुनाव आयोग के आंकड़े ने सारी पोल खोलकर रख दिया है। बक्सर में बीजेपी उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी चुनावी मैदान में थे और उनके खिलाफ आरजेडी उम्मीदवार सुधाकर सिंह मैदान में थे। मिथिलेश तिवारी मात्र 30 हजार मतों से चुनाव हारे हैं। इस 30 हजार वोट की सेंधमारी ने खेल बिगाड़ दिया।
जागरण संवाददाता, बक्सर। Buxar Result 2024: बीते सात में छह लोकसभा चुनाव जीतने वाली भाजपा को बक्सर सीट पर इस बार बेहद कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा। बीते दो चुनावों में करीब सवा लाख के मतों के अंतर से यह सीट जीतने वाली भाजपा के लिए निर्दलीय उम्मीदवार पूर्व आइपीएस आनंद मिश्र ने संकट पैदा कर दिया। वह खुद तो चाैथे नंबर पर रहे, लेकिन माना जा रहा है कि वह भाजपा का अच्छा-खास मत पाने में सफल रहे हैं।
बक्सर में रही क्लोज फाइट लेकिन पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा ने खेल बिगाड़ दिया
बक्सर में एकदम क्लोज फाइट देखने को मिली। आरजेडी नेता सुधाकर सिंह 30 हजार वोटों से जीत तो गए लेकिन काफी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं बीजेपी उम्मीदवार मिथिलेश तिवारी का खेल आनंद मिश्रा ने ही बिगाड़ा है। ऐसा चुनावी आंकड़े में बात सामने आ रही है। आनंद मिश्रा ने मिथिलेश तिवारी का ही वोट काट दिया।
बक्सर में भाजपा ने मिथिलेश तिवारी को मैदान में उतारा था
यहां इस बार भाजपा ने नए चेहरे मिथिलेश तिवारी को मैदान में उतारा। वह गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर से एक बार विधायक रह चुके हैं। बीते विधानसभा चुनाव में वह हार गए थे। राजद ने भी इस बार यहां नए चेहरे को मौका दिया था।
राजद उम्मीदवार सुधाकर इसी संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाली रामगढ़ सीट से विधायक हैं। वह पिछला चुनाव करीब 150 मतों के मामूली अंतर से जीते थे। इससे पहले उनके पिता राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह बक्सर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। उन्हें एक बार करीब 2200 मतों से बेहद नजदीकी मुकाबले में जीत हासिल हुई थी। इसके बाद दो चुनाव वह हार चुके हैं।
राजद ने पिता की बजाय बेटे को उम्मीदवार बनाया
इस बार राजद ने पिता की बजाय बेटे को उम्मीदवार बनाया, तो भाजपा ने दिग्गज नेता अश्विनी चौबे का टिकट काटकर नए चेहरे मिथिलेश तिवारी पर भरोसा जताया था। भाजपा से टिकट पाने की आस में इसी साल भारतीय पुलिस सेवा के असम-मेघालय कैडर से इस्तीफा देने वाले युवा अधिकारी आनंद मिश्र निर्दलीय चुनाव मैदान में आ गए। उनके अलावा बहुजन समाज पार्टी के अनिल कुमार यहां तीसरे नंबर पर चल रहे थे।
एक वक्त इस लोकसभा सीट से दूसरे, तीसरे और चौथे नंबर तक पहुंचने वाले ददन पहलवान इस बार लगभग निष्प्रभावी रहे।