बक्सर सदर सीट पर कांग्रेस ने फिर संजय तिवारी पर जताया भरोसा, नए चेहरे के भरोसे भाजपा
बक्सर सदर सीट से कांग्रेस ने संजय तिवारी को फिर से उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने पूर्व आईपीएस आनंद मिश्र को मैदान में उतारा है। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को हराया था, और इस बार चुनावी समीकरण बदल गए हैं। अन्य दलों से भी उम्मीदवार मैदान में हैं, जिससे मुकाबला दिलचस्प होने की उम्मीद है।
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जागरण संवाददाता, बक्सर। जिले की बक्सर सदर विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार के नाम का ऐलान होने के साथ ही जिले का चुनावी परिदृश्य स्पष्ट होने लगा है। प्रमुख दलों और गठबंधनों में सबसे आखिर में महागठबंधन समर्थित उम्मीदवार का ऐलान कांग्रेस ने ही किया।
गुरुवार को दोपहर बाद कांग्रेस ने संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी को लगातार तीसरी बार इस सीट से मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया। वह लगातार दो बार इस सीट से जीत चुके हैं। उनके सामने एनडीए समर्थित उम्मीदवार के रूप में भाजपा की ओर से पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्र को टिकट दिया गया है।
जन सुराज पार्टी से तथागत हर्षवर्द्धन
इस सीट से अब तक सामने आए अन्य प्रमुख दलीय उम्मीदवारों में जन सुराज पार्टी से तथागत हर्षवर्द्धन और बहुजन समाज पार्टी से अभिमन्यु कुशवाहा ने पहले ही नामांकन पत्र दाखिल कर दिया गया है।
बीते विधानसभा चुनाव में बक्सर सदर विधानसभा की सीट पर भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार के बीच कांटे की टक्कर रही थी। इस बार चुनावी समीकरण बदले हुए हैं और सभी लोग इसका मूल्यांकन अपने-अपने तरीके से कर रहे हैं।
परशुराम चौबे को 3892 वोटों से मात
बीते चुनाव में कांग्रेस के संजय कुमार तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी के परशुराम चौबे को केवल 3892 मतों के अंतर से हराया था। यह परिणाम तय करने में कांग्रेस उम्मीदवार को 59417 वोट (36.38%), जबकि भाजपा को 55525 वोट (33.99%) मिले थे।
तीसरे नंबर पर उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रत्याशी निर्मल कुमार सिंह को कुल 30489 (18.67%) मत मिले थे। चुनाव परिणाम तय करने में तीसरे नंबर वाले उम्मीदवार की भूमिका अहम रही थी।
एआईएमआईएम के साथ कुशवाहा
तब कुशवाहा की पार्टी ने एनडीए और महागठबंधन दोनों से अलग रहकर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ गठबंधन किया था। इस बार उपेंद्र एनडीए के साथ हैं। इसका कितना असर किधर पड़ेगा, इस पर अलग-अलग कयास लोग लगा रहे हैं।
बहुजन समाज पार्टी से अभिमन्यु कुशवाहा
दूसरी तरफ इस बार बहुजन समाज पार्टी ने अभिमन्यु कुशवाहा को मैदान में उतार दिया है। जसुपा और बसपा बीते चुनाव के दृष्टिकोण से दो नए महत्वपूर्ण दल इस बार मैदान में हैं। इनमें जसुपा के उम्मीदवार का पुराना और लंबा अतीत कांग्रेस से जुड़ा रहा है।
बसपा का सदर सीट पर अपना एक ठोस कैडर वोट माना जाता है। अगर यह वोट अपनी परंपरागत पार्टी के साथ जुड़ता है, तो किसको कितना लाभ और किसको कितना नुकसान होगा, इसका सभी लोग अपने तरीके से आकलन कर रहे हैं।
पोस्टल बैलेट में कांग्रेस को मिले थे दोगुने वोट
बीते चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को ईवीएम से 58181 और पोस्टल बैलेट से 1236 मत मिले थे। भारतीय जनता पार्टी को ईवीएम से 54830 और पोस्टल बैलेट से 695 मत मिले थे। इसका सीधा मतलब था कि सर्विस वोटर ने कांग्रेस को अधिक पसंद किया था।
जीत के अंतर और नोटा का आंकड़ा था लगभग बराबर
चौथे नंबर पर रहे प्रत्याशी को 5794, जबकि 15वें नंबर वाले को केवल 323 मत मिले थे। चौथे नंबर से 15वें नंबर के प्रत्याशी (12 उम्मीदवार नोटा) को मिलाकर कुल 17,909 वोट मिले, जो कुल मतों का लगभग 10.96% था। पांचवें नंबर पर नोटा रहा था। कुल 3630 लोगों ने नोटा को पसंद किया था। जो कुल पड़े मतों का 2.22% था।
बीते चुनाव में हुआ था 56 प्रतिशत मतदान
2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान बक्सर विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,89,997 मतदाता पंजीकृत थे। इनमें से 1,63,340 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जो 56.32% मतदान प्रतिशत रहा।
इसमें 1,60,955 वोट ईवीएम के माध्यम से और 2385 पोस्टल बैलेट द्वारा पड़े। कुल 15 उम्मीदवार चुनाव में खड़े हुए। सभी उम्मीदवार पुरुष थे, किसी महिला उम्मीदवार ने चुनाव नहीं लड़ा।
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