कोरोना के लिए काल बनेगा इम्युनिटी बढ़ाने वाला काला गेहूं
बक्सर कोरोना से जहां नई चुनौतियां पैदा हुई हैं वहीं इस समस्या के निदान में संभावनाओं के
बक्सर : कोरोना से जहां नई चुनौतियां पैदा हुई हैं, वहीं इस समस्या के निदान में संभावनाओं के नए द्वार भी खुल रहे हैं। इस वायरस को हराने के लिए गेहूं की एक नई प्रजाति विकसित की गई है, जिसे काला गेहूं के नाम से जाना जाता है। काला गेहूं आम गेहूं से अलग रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाला है और कई प्रकार के असाध्य रोगों के निवारण में मददगार है। इस गेहूं की मांग ज्यादा होने से किसानों को भी इसकी खेती से जबरदस्त फायदा होगा। परीक्षण के तौर पर जिले के कुछ किसानों ने इसकी खेती की है, जो उत्पादन के बेहतर परिणाम से काफी संतुष्ट हैं।
काले, नीले और जामुनी रंग वाला यह काला गेहूं आम गेहूं से कई गुना ज्यादा पौष्टिक है। दिखने में काले रंग का यह गेहूं तनाव, मोटापा, कैंसर, डायबीटीज और दिल से जुड़ी बिमारियों की रोकथाम में काफी मददगार साबित होगा। विगत दस सालों से इस गेहूं पर रिसर्च किया जा रहा था। विशेषज्ञों के अनुसार आम गेहूं में एंथोसाइनिन की मात्रा 5 से 15 पास प्रति मिलियन होती है। जबकि, काले गेहुं में इसकी मात्रा 40 से 140 पास प्रति मिलियन पाई जाती है। एंथोसाइनिन ब्लू बेरी जैसे फलों के समान सेहत को फायदा पहुंचाता है। इसका विशेष गुण शरीर से फ्री रेडिकल्स निकालकर तनाव, हार्ट, कैंसर, डायबिटिज, मोटापा जैसी अन्य कई बिमारियों की रोकथाम में मददगार होने के साथ उनके प्रसार को रोकने में कामयाब होता है। इस गेहूं में जिक की मात्रा भी काफी अधिक होती है। -सामान्य गेहूं के समान उत्पादन
कई प्रकार के गुणों से भरपुर काला गेहूं का उत्पादन आम गेहूं के बराबर ही होता है। इसकी खेती से किसानों को भी काफी लाभ मिलेगा। काले गेहूं का बाजार मूल्य भी आम गेहूं की तुलना में काफी अधिक होने से किसानों के लिए इसकी खेती काफी फायदे की साबित होगी। जिले में पहली बार इसकी खेती करने वाले महदह के किसान सोनू कुमार ने बताया कि एग्रीकल्चर की पढ़ाई के दौरान उन्हें मेरठ कृषि कॉलेज में इसकी खेती के बारे में जानकारी मिली। वहीं से 6 किलो बीज लाकर उन्होंने तीन कट्ठा में डरते-डरते इसकी खेती की थी। परन्तु, परिणाम को देखकर उनका उत्साह काफी बढ़ा है। आम गेहूं जहां एक बीघा में 10 क्विटल के लगभग उत्पादन होता है तो इसका भी उत्पादन उसके बराबर हो रहा है। अगले साल से वो बड़े पैमाने पर इसकी खेती करने की योजना बना रहे हैं। बयान
काला गेहूं बिल्कुल नई शोध की गई गेहूं की प्रजाति है, जिसका उत्पादन आम गेहूं के समान ही होता है। पर अपने विशेष गुणों के कारण यह आम गेहूं की अपेक्षा काफी पौष्टिक तथा गुणवत्ता के मामले में ब्लू बेरी नामक फल के समान है। अपने गुणों को लेकर इसका बाजार मूल्य भी आम गेहूं से अधिक होने के कारण किसानों के लिए इसकी खेती फायदेमंद साबित होगी।
रामकवल सिंह, प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र, बक्सर।
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