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ओपन जेल से बुधवार को गायब हुआ कैदी: 24 घंटे बाद फोन पर बोला- परेशानी में हूं साहब, कल लौट आऊंगा

बक्सर की ओपन जेल से बुधवार को एक कैदी लापता हो गया। जेल प्रशासन ने उसे हर जगह ढूढ़ा लेकिन जब कहीं नहीं मिला तो मामले में एफआईआर दर्ज कराई। 24 घंटे बाद कैदी ने खुद की जेल प्रशासन को कॉल किया। कहा- कल लौटूंगा।

By Ashok Kumar SinghEdited By: Deepti MishraPublished: Thu, 23 Mar 2023 08:06 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2023 08:06 PM (IST)
ओपन जेल से बुधवार को गायब हुआ कैदी: 24 घंटे बाद फोन पर बोला- परेशानी में हूं साहब, कल लौट आऊंगा
कैदी के फोन आने के बाद जेल प्रशासन को मिली राहत।

जागरण संवाददाता, बक्सर: बक्सर ओपन जेल का एक कैदी बुधवार की शाम से गायब है। जेल प्रशासन ने जब कैदियों की गिनती की, तब इसकी भनक लगी। इसके बाद से कैदी की खोजबीन की जाने लगी, लेकिन गुरुवार तक उसकी कहीं से कोई सूचना नहीं मिली। इसके बाद जेल प्रशासन ने नगर थाने में इसकी प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके कुछ देर बाद ही अचानक लापता कैदी का जेल प्रशासन के फोन आया कि कल सुबह यानी शुक्रवार सुबह हाजिर हो जाउंगा।

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जेल अधीक्षक राजीव कुमार ने बताया कि सिवान के गांव चकिया निवासी कैदी सतीश पांडेय पिता परमानंद पांडेय को दो साल पहले उसके अच्छे आचरण को देखते हुए अररिया जेल से ओपन जेल भेजा गया था। तब से वह यहीं रह रहा था। बुधवार सुबह किसी काम से ओपन जेल से निकला था, लेकिन फिर वापस नहीं लौटा।

जेल प्रशासन को इसकी जानकारी शाम की गिनती के समय हुई, जिसके बाद जेल प्रशासन में खलबली मच गई। बक्सर शहर समेत कैदी के नाते रिश्तेदारों के यहां उसकी खोजबीन की जाने लगी। गुरुवार की सुबह तक कहीं से कोई जानकारी नहीं मिलने के बाद आखिरकार नगर थाना में कैदी के गायब होने की प्राथमिकी दर्ज करा दी गई।

कैदी ने खुद ही किया कॉल, कहा- कल लौटूंगा

जेल अधीक्षक ने बताया कि लापता कैदी के बारे में अभी विभिन्न प्रकार के कयास लगाए जा रहे थे, तभी दोपहर करीब 3.30 बजे उसने खुद फोन कर बताया कि वह किसी परेशानी में फंस गया था और शुक्रवार की सुबह तक वह ओपन जेल पहुंच जाएगा। इस सूचना के मिलने के बाद कारा प्रशासन ने थोड़ी राहत की सांस ली है।

कारा अधीक्षक ने बताया कि सतीश पांडेय को हत्या के मामले में आईपीसी की धारा 302 और 34 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। कैदी सिवान से मोतिहारी और फिर अररिया जेल से होते हुए बक्सर ओपन जेल में 16 मई 2022 को स्थानांतरित किया गया था।

ओपेन जेल में रहती आने-जाने की आजादी

बिहार की पहली ओपन जेल बक्सर में है। यहां रहने वाले कैदियों को फ्लैट मिलता है, जहां वे अपने परिवार के साथ रह सकते हैं। यहां रहने वाले बंदियों को बाहर जाकर नौकरी या रोजगार करने की छूट भी मिलती है। हालांकि, हर रोज शाम से पहले उनका जेल में लौटना अनिवार्य है। सभी बंदी शाम तक यहां लौट आए, इसका रोज मिलान किया जाता है। बंदियों को परिवार के साथ रहने के लिए जरूरी सुविधाएं सरकार की तरफ से मिलती हैं। इसके साथ ही उन्हें उनकी मर्जी के अनुरूप आसपास में नौकरी या व्यवसाय करने की छूट भी मिलती है।


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