Buxar News : बक्सर में लाखों रुपये खर्च कर बन रहे भव्य पूजा पंडाल, कहीं बेलूर मठ तो कहीं लाल किले में विराजेंगी माता दुर्गा
Buxar News बिहार के बक्सर जिले में नवरात्रि की धूम है। माता दुर्गा के लिए जगह-जगह विशेष भव्य पंडाल बनाए जा रहे हैं। इनमें देश के ऐतिहासिक स्थलों को दर्शाया जा रहा है। माता की सुंदर मूर्ति बनाने के लिए दूसरे राज्यों से कलाकार को बुलाया गया है। इसके लिए पूजा समितियां लाखों रुपये भी खर्च कर रही हैं।

संवाद सहयोगी, ब्रह्मपुर/चौगाईं (बक्सर)। बक्सर जिले में इस बार नवरात्रि में माता दुर्गा के लिए भव्य पंडाल बनाए जा रहे हैं। नगर पंचायत ब्रह्मपुर चौरास्ता पर कोलकाता के बेलूर मठ की भव्य आकृति वाले पंडाल में माता दुर्गा की मूर्ति स्थापित होगी। वहीं, चौगाईं में लाल किले के प्रतिकृति बनाई जाएगी।
जानकारी के अनुसार, नगर पंचायत ब्रह्मपुर में कोलकाता के कलाकारों द्वारा लगभग दो सप्ताह से भव्य और आकर्षक पंडाल बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। यहां दशहरे के अवसर पर माता दुर्गा का पूजन और प्रत्येक वर्ष अलग-अलग आकृति वाले पंडाल आकर्षण के केंद्र होते हैं।
ब्रह्मपुर चौरास्ता प्रमुख व्यावसायिक केंद्र नहीं होने के बाद भी यहां साल 1949 से माता दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर पूरे विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना शुरू की गई थी। यही कारण है कि आसपास के दर्जनों गांव के लोग यहां देवी दर्शन के लिए आते हैं।
बादल स्पोर्टिंग क्लब, निमेज और व्यवसायी संघ के संयुक्त प्रयास से चौरास्ता की पूजा और प्रसिद्ध हो गई है। इस बार रामकृष्ण परमहंस के प्रसिद्ध बेलूर मठ, कोलकाता की आकृति वाले भव्य पंडाल का निर्माण किया जा रहा है।
इस पंडाल को बनाने के लिए कोलकाता से आए कलाकार सत्तार अंसारी, मकबूल, अजबुल, सलाउद्दीन और हुड कई दिनों से निर्माण में लगे हुए हैं, जबकि माता दुर्गा की आकर्षक मूर्ति भोजपुर जिले के शाहपुर निवासी श्रीभगवान मूर्तिकार के साथ अशोक कुमार, संतोष कुमार और गोलू आदि बना रहे हैं।
ये कलाकार दो सप्ताह से मूर्ति को आकार देने में लगे हैं। कलाकारों का कहना है कि मूर्ति में केमिकल वाले रंग का प्रयोग नहीं किया जाता है। इस पूजा समिति की विशेषता यह है कि इसमें सारे लोग सदस्य के रूप में मनोयोग से कार्य करते हैं।
पूजा समिति के प्रमुख सुनील कुमार उर्फ बिल्लू, गुड्डू पांडे, सुधीर ओझा, दिलीप साह, टुनटुन यादव, विशेश्वर तिवारी बताते हैं कि पंडाल के निर्माण पर तीन लाख रुपया खर्च हो रहा है। इसके अलावा चौरास्ता के चारों तरफ प्रमुख मार्गों पर काफी दूर-दूर तक प्रकाश की व्यवस्था सहित अन्य तरह के खर्च अलग है।
पंडित उमलेश पांडे द्वारा दुर्गा सप्तशती के पाठ का विधिवत अनुष्ठान किया जाता है और सहयोगी लाल बाबू पांडे होते हैं। नवरात्र और विजयादशमी तिथि को खीर के बने प्रसाद का वितरण किया जाता है।
इसी स्वरूप में बनेगा चौगाईं का पूजा पंडाल। सौजन्य- पूजा समिति
चौगाईं : ऐतिहासिक 'लाल किला' में विराजमान होंगी मां दुर्गा
इधर, चौगाईं में दुर्गा स्थान चौक के पास दुर्गापूजा की तैयारी जोरों पर है। इस बार यहां दिल्ली के ऐतिहासिक 'लाल किला' में माता रानी के विभिन्न स्वरूपों को दर्शाने की तैयारी चल रही है।
यहां हरेराम सिंह एंड टीम द्वारा पंडाल निर्माण की प्रक्रिया काफी तेजी के साथ चल रही है। मूर्तिकार जोखन प्रसाद और सुमन प्रसाद आकर्षक मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं।
पिछले कई साल से यहां की पूजा और पंडाल प्रखंड इलाके में बेहतर स्थान रखता है। यहां दुर्गा पूजा को देखने के लिए इलाके के विभिन्न गांवों से काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस बार यहां पंडाल में तकरीबन साढ़े पांच लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है।
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कब हुई दुर्गापूजा समिति की स्थापना
वर्ष 1956 से दुर्गा स्थान चौक पर पूजा समिति के द्वारा शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा सहित अन्य देवी-दवताओं की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना शुरू हुई थी।
इस बार दुर्गा पूजा समिति दुर्गा स्थान चौगाईं के अध्यक्ष विमलेश सिंह, उपाध्यक्ष बबुआ सिंह, सचिव सरोज केसरी, कोषाध्यक्ष बबलू सिंह के अलावे सतीश बाबा, पवन सिंह, रामप्रवेश सिंह, संपत सिंह, मंटू सिंह, विक्रम सिंह, अभिजीत सिंह एवं लल्लू सिंह सहित कई सदस्य और संरक्षण मंडल के लोग सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।
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