अल्फांसो आम की खुशबू से महक रहा बासुदेवा फार्म
बक्सर आम की प्रजातियों में अल्फांसों के स्वाद का जवाब नहीं है। हालांकि सूबे में इस प्रजाति के
बक्सर : आम की प्रजातियों में अल्फांसों के स्वाद का जवाब नहीं है। हालांकि, सूबे में इस प्रजाति के आम की पैदावार न के बराबर है। अच्छी बात यह है कि बक्सर के नावानगर में बासुदेवा फार्म की जमीन पर अल्फांसों की खुशबू महक रही है। यहां बीस से ज्यादा पेड़ अल्फांसों प्रजाति के हैं और लगातार तीसरे साल आम की अच्छी पैदावार हुई है। अल्फांसों की अच्छी पैदावार को देखते हुए क्षेत्र के अन्य किसान भी अपने बगीचे में इस प्रजाति के पौधे लगा रहे हैं।
बासुदेवा फॉर्म ऐसे तो तकरीबन ढाई हजार आम के पेड़ हैं। जिनमें, लंगड़ा(सूबे के अन्य क्षेत्रों में इसे मालदह के नाम से जानते हैं), आम्रपाली, दशहरी, जर्दालु तथा कृष्णभोग प्रजाति के पेड़ ज्यादा हैं। फॉर्म के मालिक किसान नेता रंजीत सिंह राणा बताते हैं कि दस साल पहले प्रयोग के तौर पर उन्होंने महाराष्ट्र में उपजने वाली आम की प्रजाति 'अल्फॉसो' का एक दर्जन पौधे लगाए। अब ये पौधे पेड़ बन गए हैं और पिछले साल से आम फल रहा है। इस साल भी इस प्रजाति के पेड़ में आम की पैदावार अच्छी हुई है। श्री राणा कहते हैं कि पौधे लगाते समय उनसे कई लोगों ने कहा कि यहां की जलवायु इस प्रजाति के मुफीद नहीं है, लेकिन यह बात गलत साबित हुई। हालांकि, अभी इतने कम पेड़ में इस उत्पादन का व्यावसायिक इस्तेमाल नहीं हो सकता। लेकिन, उनके साथ आसपास के अन्य किसान भी इस बार दो सौ से ज्यादा अल्फांसों प्रजाति के पौधे लगा रहे हैं। यह आम काफी मीठा और स्वादिष्ट होता है और महंगा बिकता है।
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