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    इस शिक्षक ने KK Pathak को भी चौंका दिया! फर्जी बिल लेकर पहुंचा बैंक, मैनेजर ने फोन घुमाया तो मच गया हड़कंप

    KK Pathak बैंक ने शिक्षा विभाग का नौ लाख का फर्जी बिल पकड़ा है। इसके बाद पूरे विभाग में इस मामले को लेकर हड़कंप मच गया है। मामले की जांच के लिए उन्होंने बैंक से सीसीटीवी फुटेज भी मंगाया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में संबंधित शिक्षक पर प्राथमिकी कराई जाएगी। समाचार लिखे जाने तक विभाग में उसकी तैयारी चल रही थी।

    By Rajesh Tiwari Edited By: Mukul Kumar Updated: Wed, 08 May 2024 12:05 PM (IST)
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    इस शिक्षक ने केके पाठक को भी चौंका दिया

    जागरण संवाददाता, बक्सर।  KK Pathak मंगलवार को जिले के शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) में एक फर्जी बिल का मामला सामने आया है। वह तो गनीमत है कि बैंक ने यह गड़बड़ी पकड़ ली, अन्यथा नौ लाख रुपये का फर्जी भुगतान भी हो गया रहता। बहरहाल इसको लेकर विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।

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    जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना विष्णुकांत राय ने बताया कि इस मामले में संबंधित शिक्षक पर प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि बैंक से सीसीटीवी फुटेज भी मंगाया गया है। मामला राजपुर के जलहरा मध्य विद्यालय के ब्रजेश कुमार ओझा नामक नियोजित प्रखंड शिक्षक के एरियर भुगतान से संबंधित है।

    डीपीओ के दस्तखत पर शक हुआ

    बताया जाता है कि उक्त शिक्षक के नाम पर एरियर का बिल जब स्टेट बैंक में भुगतान के लिए पहुंचा, तो बैंक के मैनेजर को बिल पर दर्ज डीपीओ के दस्तखत पर शक हुआ और उन्होंने डीपीओ स्थापना को फोन किया। डीपीओ स्थापना ने बताया कि मैनेजर के फोन करने पर उन्होंने ह्वाटसअप पर बिल की फोटो मंगाई तो, वह फर्जी निकला।

    Bihar News बताया जाता है कि उस पर दर्ज पत्रांक, इश्यू नंबर और बीईओ का हस्ताक्षर सब कुछ फर्जी था। डीपीओ ने बताया कि बैंक मैनेजर को उन्होंने तत्काल बिल का भुगतान रोकने और संबंधित व्यक्ति को रोक कर रखने के लिए कहा, लेकिन तब तक बिल लेकर वहां पहुंचा व्यक्ति वहां से निकल चुका था।

    जांच के लिए बैंक से सीसीटीवी फुटेज भी मंगाया गया

    उन्होंने बताया कि मामले की जांच के लिए उन्होंने बैंक से सीसीटीवी फुटेज भी मंगाया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में संबंधित शिक्षक पर प्राथमिकी कराई जाएगी। समाचार लिखे जाने तक विभाग में उसकी तैयारी चल रही थी।

    बहरहाल, फर्जी बिल भुगतान कराने का यह मामला विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। दूसरी तरफ विभागीय जानकार इसमें विभाग की मिलीभगत की भी आशंका जाहिर कर रहे हैं। हालांकि, यह जांच का विषय है और जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि इसमें विभाग की मिलीभगत है या नहीं।

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