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    Buxar News: बक्सर में चौक पर ही खड़े हो रहे ऑटो चालक दे रहे हादसों को न्योता, आए दिन जा रही लोगों की जान, पुलिस की सख्ती भी नहीं आ रही काम

    Buxar News पुराने शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं होने और चारों तरफ से अतिक्रमण के कारण यहां सड़क की चौड़ाई दिनो दिन कम होती चली जा रही है। ऐसे में चौक पर ही आटो खड़े हो जाने से भारी वाहनों को यहां मुड़ने में काफी कठिनाई होती है तो कई दफा इनकी भीषण टक्कर भी हो जाती है।

    By Shubh Narayan Pathak Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sun, 25 Feb 2024 03:58 PM (IST)
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    चौक पर ही खड़े हो रहे ऑटो चालक दे रहे हादसों को न्योता (जागरण)

    जागरण संवाददाता, बक्सर। Buxar News: नगर के अति व्यस्त रहने वाले चौक चौराहों पर ही प्रायः आटो चालक अपनी आटो और ई-रिक्शा खड़ी कर सवारियों के आने का इंतजार करते रहते हैं। ऐसे में चौक चौराहों पर मुड़ने वाले भारी वाहनों की चपेट में आने का डर वक्त खतरा बना रहता है।

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    पुलिस के खदेड़ने के बादजूद नहीं मान रहे चालक

    हालांकि, यातायात पुलिस द्वारा बराबर उन्हें वहां से खदेड़ा जाता है, बावजूद इसके चालकों पर इसका कोई असर नहीं होता और थोड़ी ही देर बाद वहां फिर आटो खड़े नजर आते हैं। इसके कारण सुगम यातायात की दिशा में आटो बहुत बड़े बाधक बन कर रह गए हैं।

    मौजूदा समय शहर के लिए लाइफलाइन बने आटो और ई-रिक्शा सुगम और सुरक्षित यातायात की दिशा में बहुत बड़े बाधक बनते जा रहे हैं। दरअसल जिस तेजी से बेरोजगारी बढ़ी है उतनी ही तेजी से सड़क पर आटो और ई-रिक्शा चलाने वालों की संख्या बढ़ी है।

    सबसे बड़ी बात तो यह कि ऐसे छोटे तिपहिया वाहनों को चलाने वाले अधिकांश चालकों के पास न तो लाइसेंस है और न उन्हें यातायात नियमों की कोई जानकारी। दो दिन वाहन चलाने का अभ्यास कर सवारियों को ढोने सड़क पर उतर जाते हैं। ऐसे चालकों की तेज रफ्तार और बेतरतीब परिचालन के कारण प्रायः बड़े हादसों की संभावनाएं बनी रहती हैं।

    कई दफा लोगों की जान भी चली जाती है

    वहीं, कई दफा लोगों की जान भी चली जाती है। मौजूदा समय शहर में जहां कही भी आटो पड़ाव हैं, वहां चौक के बीच ठीक मोड़ पर ही चालक अपनी आटो खड़ी करते हैं। आटो चालकों की यह आदत अब पुलिस के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही है। इनमें सबसे प्रमुख है शहर का हृदयस्थल कहा जानेवाला नगर का थाना चौक। यहां चौक के चारों कोनों पर ही आटो खड़ी कर चालक सवारियों का इंतजार करते रहते हैं।

    पुराने शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं होने और चारों तरफ से अतिक्रमण के कारण यहां सड़क की चौड़ाई दिनो दिन कम होती चली जा रही है। ऐसे में चौक पर ही आटो खड़े हो जाने से भारी वाहनों को यहां मुड़ने में काफी कठिनाई होती है तो कई दफा इनकी टक्कर भी हो जाती है।

    इसी के कारण कुछ साल पहले इसी चौक पर दो स्कूली बच्चों की और बाद में एक महिला की मौत हो गई थी। यातायात पुलिस सुबह से शाम तक इन्हें हटाने में लगी रहती है, पर एक के हटते ही दूसरा पीछे से आकर अपनी आटो खड़ा हो जाता है। इसके स्थाई निदान के लिए पुलिस को ठोस उपाय करने की जरूरत है।

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