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    कलम देवता की पूजा में बही भक्ति की सरिता

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    Updated: Fri, 28 Oct 2011 11:29 PM (IST)

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    बक्सर, नगर संवाददाता : यमलोक में मृत्युलोक वासियों का लेखा-जोखा रखने वाले कलम-दावात के आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त की पूजा शुक्रवार को पूरे जिले में धूमधाम से मनायी गयी।कार्तिक मास के शुल्क पक्ष की द्वितीया तिथि को कायस्थों के साथ अन्य समाज के लोगों ने भी कलम-दावात की पूजा कर चित्रगुप्त की स्तुति की। इस मौके पर नगर में विभिन्न स्थानों पर भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति भी स्थापित की गयी ।

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    नगर के अस्पताल रोड स्थित ऐतिहासिक चित्रगुप्त मंदिर पर पूजा के लिए सुबह से ही कायस्थ समाज के लोगों का तांता लगा रहा। दोपहर में यहां भव्य पूजा हुई जिसमें बड़ी संख्या में कायस्थ समाज के लोग शामिल हुए। पूजा के उपरांत कायस्थ समाज के लोगों ने 'मासिभाजनसंयुक्तं ध्यायेत्रं च महाबलम्। लेखनी कटनी हस्तं चित्रगुप्तं नमाम्यहम्' मंत्र का उच्चारण किया और इसे सादे कागज पर लिख भगवान चित्रगुप्त की चरणों में समर्पित किया। वहां उनकी प्रतिमा भी स्थापित की गयी है। इसके अतिरिक्त लोगों ने अपने घरों में भी कलम-दवात की पूजा की। पूजा के महत्व के संबंध में कहा जाता है कि ब्रह्मा की काया से उत्पन्न चित्रगुप्त को ब्रह्मा ने कहा कि उनका निवास धर्मराज की यमपुरी में धर्माधर्म विचार के लिए होगा। भगवान चित्रगुप्त ने बाद में माया प्रकृति, रूप व चण्ड का नाश करने वाली तथा समस्त सिद्धियों को देने वाली देवी का पूजन कर स्वर्ग लोक गये। स्वर्ग में जाकर वह धर्मराज के अधिकार पर स्थित हुए, जो चौदह यमराजों में से एक है। वह कायस्थ जाति में उत्पन्न होकर लेखकों को अक्षर प्रदान करते है। चित्रगुप्त महाराज धर्मराज के लेखपाल बनकर मृत्युलोक में रहने वाले सभी जीवों का लेखा-जोखा रखते है। जिसके आधार पर जीवों को शुभाशुभ कर्मो का फल भोगना पड़ता है।

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