झालर-झूमर के बाजार में 'ड्रैगन' के वर्चस्व को 'टाइगर' की चुनौती
स्थिति यह है कि बाजार में ग्राहक हल्की क्वालिटी की चाइनीज लाइट झालरों और झूमर की जगह देसी लाइटों की मांग ज्यादा डिमांड है जो खासकर दिल्ली मुंबई और कोलकाता से आए हैं। खरीददारी के पास लोग काफी खुश नजर आए।

आरा, जागरण संवाददाता। भारत के प्रति चीन के दुर्भावनापूर्ण रवैये के कारण आम लोग चीनी उत्पादों से दूरी बना रहे हैं और जहां विकल्प मिल रहा है, वहां देशी प्रोडक्ट अपन रहे हैं। दीपावली पर भी यह ट्रेंड दिख रहा है। इस बार भी सजावटी सामग्रियों में चीन का माल है, लेकिन पहली बार लगभग 70 प्रतिशत देशी उत्पाद भी बाजार में हैं,जिससे ड्रैगन को कड़ी चुनौती मिल रही है।
अपनी क्वालिटी और वैरायटी के कारण मेक इन इंडिया का माल चाइनीज पर भारी पड़ रहा है। स्थिति यह है कि बाजार में ग्राहक हल्की क्वालिटी की चाइनीज लाइट, झालरों और झूमर की जगह देसी लाइटों की मांग ज्यादा डिमांड है, जो खासकर दिल्ली, मुंबई और कोलकाता से आए हैं।
लाइटें आरा शहर के धर्मन चौक, जेल रोड, बिचली रोड, आदि जगह उपलब्ध हैं। देशी उत्पादों में 10 मीटर से लेकर 50 मीटर तक का रंगीन लतर आया हुए हैं। बिजली रोड के दुकानदार विनोद कुमार कहते हैं कि भारत में बने एलइडी वाले झालर की गुणवत्ता अच्छी है। पचास मीटर के झालर की कीमत 650 रुपया है। उनका कहना है कि बाजार मेंदेशी माल ज्यादा है। लोग भी खरीदने से पहले डब्बे पर मेकिंग को देख रहे हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।