Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Tarari Upchunav Result: तरारी में BJP कैंडिडेट ने कैसे लिया माता-पिता की हार का बदला? पार्टी को दिया बड़ा गिफ्ट

    Updated: Sat, 23 Nov 2024 09:03 PM (IST)

    राजनीति में नया और पुराना नहीं मौके महत्वपूर्ण होते हैं। तरारी जैसे माले के गढ़ में जो कार्य बड़ी-बड़ी पार्टियांऔर बड़े नेताओं के द्वारा नहीं किया जा सका था वह काम पहली ही राजनीतिक लड़ाई में 34 वर्षीय युवा विशाल प्रशांत ने कर दिखाया है। यही नहीं भाजपा के लिए उन्होंने जहां पहली जीत दर्ज की वहीं मां-पिता की हार का बदला ले लिया।

    Hero Image
    तरारी में विशाल प्रशांत ने कर दिया कमाल (जागरण)

    धर्मेंद्र कुमार सिंह, आरा। राजनीति में नया और पुराना नहीं मौके महत्वपूर्ण होते हैं। तरारी जैसे माले के गढ़ में जो कार्य बड़ी-बड़ी पार्टियांऔर बड़े नेताओं के द्वारा नहीं किया जा सका था वह काम पहली ही राजनीतिक लड़ाई में 34 वर्षीय युवा विशाल प्रशांत ने कर दिखाया है। यही नहीं, भाजपा के लिए उन्होंने जहां पहली जीत दर्ज की वही इसी सीट से माले सह आरा के सांसद सुदामा प्रसाद के द्वारा अपनी मां और पिता के राजनीतिक हार का भी बदला ले लिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस राजनीतिक बदले के साथ उन्होंने भोजपुर की राजनीति को इस जीत के साथ एक नई दिशा देने का भी प्रयास किया है। वैसे तो तरारी विधानसभा का गठन जब वर्ष 2010 में हुआ था उस समय पहले चुनाव में विशाल प्रशांत के पिता सुनील पांडे ने जीत दर्ज की थी। उस जीत के बाद लगातार दो बार हुए विधानसभा चुनाव में सुदामा प्रसाद ने जीत दर्ज कर एक नया इतिहास बना डाला था।

    तीसरी बार माले के द्वारा हैट्रिक बनाने का सपना विशाल प्रशांत ने चकनाचूर कर दिया। वर्ष 2015 के चुनाव में सुदामा प्रसाद ने विशाल प्रशांत की मां गीता पांडे को महज 272 वोटों के अंतर से हराकर चुनाव जीत लिया था। इसके बाद वर्ष 2020 के चुनाव में 11,015 मतों से विशाल प्रशांत के पिता सुनील पांडे को हराकर लगातार तरारी क्षेत्र से दूसरी बार विधायक बनने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया था। माले के इस लगातार दो बार की जीत के साथ तीसरी बार विजय रथ को 10 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से हराकर विशाल प्रशांत ने रोक दिया है।

    24 वर्षों बाद पुत्र ने पिता के इतिहास दोहराया

    तरारी सह पीरो विधानसभा क्षेत्र के इतिहास पर नजर डाले तो पहली बार चुनाव लड़ रहे वर्ष 2000 में सुनील पांडे ने चुनाव जीते हुए पहली राजनीतिक लड़ाई जीती थी। उसमें उन्होंने काशीनाथ सिंह को 3660 मतों से हराया था। कुछ इसी तरह का रिकॉर्ड सुनील पांडे के पुत्र ने 24 वर्षों के बाद तरारी के नए विधायक बन दोहराया है। इन्होंने भी तरारी में पहली राजनीतिक लड़ाई के दौरान वर्ष 2024 के उपचुनाव में पिता की तरह पहली बार में ही चुनाव जीतकर अपने पिता के इतिहास को दोहराते हुए एक नया रिकाड बना दिया है।

    अब तक तरारी सह पीरो से कौन कौन हुए विधायक व उप विजेता

    चुनाव वर्ष            विधायक            उप विजेता

    2024                 विशाल प्रशांत     राजू यादव

    2020                 सुदामा प्रसाद    सुनील पाण्डेय 

    2015                 सुदामा प्रसाद    गीता पाण्डेय 

    2010                 सुनील पांडेय     आदिब रिजवि

    2005 फरवरी      सुनील पांडेय      केशव प्रसाद 

    2005 अक्टूबर     सुनील पांडेय      त्रिवेणी सिंह   

    2000                सुनील पांडेय       काशीनाथ सिंह 

    1995                कांति सिंह          चंद्रदीप सिंह

    1990                चंद्रदीप सिंह       रघुपती गोप

    1985                रघुपति गोप       राधामोहन राय

    1980                मुन्नी सिंह          इंद्रमणि सिंह

    1977                रघुपति गोप       इंद्रमणि सिंह

    1972                जय नारायण      इंद्रमणि सिंह

    comedy show banner
    comedy show banner