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    Shardiya Navratri 2025: 9 या 10... इस बार कितने दिन के होंगे नवरात्र, कब मनाई जाएगी विजयादशमी? जानिए डेट

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 05:08 PM (IST)

    इस साल शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से शुरू होकर 10 दिनों तक चलेगा। इस दौरान माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी। विशेष यह है कि इस बार माता का आगमन हाथी पर हो रहा है जो सुख और समृद्धि का प्रतीक है। पंडितों के अनुसार चतुर्थी तिथि दो दिन रहने से नवरात्र 10 दिनों का होगा जो अत्यंत शुभ है।

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    दस दिन की होगी नवरात्रि, 11वें दिन मनाई जाएगी विजयादशमी

    संवाद सूत्र, उदवंंतनगर (आरा)। नवरात्र में मां की भक्ति में लीन होने का सौभाग्य भक्तों को साल में दो बार चैत्र और आश्विन में मिलता है। इस बार भक्तों को माता की उपासना के लिए एक दिन ज्यादा समय मिलेगा। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र का शुभारंभ इस वर्ष 22 सितंबर, सोमवार को हो रहा है।

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    प्रतिपदा से लेकर नवमी तक मां दुर्गा के नौ रूपों की विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी। इस बार खास बात यह है कि नवरात्रि 9 नहीं, बल्कि 10 दिनों की रहेगी और ग्यारहवें दिन विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा।

    शारदीय नवरात्र को दुर्गा पूजा भी कहा जाता है। देशभर में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, जबकि बंगाल में इसका विशेष महत्व है। भक्त पूरे नियम और श्रद्धा से व्रत रखते हैं। नवमी को कन्या पूजन और दशमी को रावण दहन की परंपरा निभाई जाती है।

    सनातन परंपरा के अनुसार, नवरात्र में देवी की आराधना करने से साधक मनोवांछित फल प्राप्त करते हैं। इस वर्ष का नवरात्रि विशेष फलदाई होने जा रहा है। इस बार माता का धरती पर आगमन हाथी पर हो रहा है, जिसे सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

    क्यों है नवरात्र 10 दिन की?

    पंडित विवेकानंद पांडेय ने बताया कि 22 सितंबर को प्रतिपदा से नवरात्र की शुरुआत होगी और एक अक्टूबर, बुधवार को महा नवमी के साथ इसका समापन होगा।

    इसके अगले दिन, 2 अक्टूबर गुरुवार को विजयादशमी मनाई जाएगी। इस बार श्राद्ध पक्ष में एक तिथि लुप्त हो रही है और चतुर्थी तिथि दो दिन रहने से नवरात्र 9 के बजाय 10 दिन की होगी। पंडितों के अनुसार, तिथि की यह वृद्धि अत्यंत शुभ मानी जाती है।

    कलश स्थापना का मुहूर्त

    22 सितंबर को प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना होगी। पूरे दिन शुभ मुहूर्त उपलब्ध रहेगा, लेकिन अभिजीत मुहूर्त (सुबह 11:20 से दोपहर 12:09 तक) में स्थापना विशेष फलदायी मानी गई है।

    नौ देवियों की पूजा का क्रम

    तारीख तिथि विवरण
    22 सितंबर प्रतिपदा मां शैलपुत्री
    23 सितंबर द्वितीया मां ब्रह्मचारिणी
    24 सितंबर तृतीया मां चन्द्रघंटा
    25 सितंबर चतुर्थी साधना दिवस
    26 सितंबर चतुर्थी (दोहराव) मां कुष्मांडा
    27 सितंबर पंचमी मां स्कंदमाता
    28 सितंबर षष्ठी मां कात्यायनी
    29 सितंबर सप्तमी मां कालरात्रि
    30 सितंबर अष्टमी मां महागौरी
    01 अक्टूबर नवमी मां सिद्धिदात्री
    02 अक्टूबर विजयादशमी रावण दहन