Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गन्ने की फसल पर लाल सड़न रोग का प्रकोप, एक्सपर्ट ने बताए बचाव के उपाय

    जगदीशपुर से पिछले कई सालों से गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग के चलते उत्पादन में कमी आई है। मझौलिया चीनी मिल किसानों को जागरूक कर रही है कि वे खेतों में नियमित रूप से निगरानी रखें। लाल सड़न रोग से गन्ने की पत्तियां सूख जाती हैं और गन्ना लाल हो जाता है। बचाव के लिए कीटनाशक का छिड़काव और ट्राइकोडरमा के उपयोग की सलाह दी गई ।

    By Krishna Parihar Edited By: Krishna Parihar Updated: Tue, 19 Aug 2025 04:55 PM (IST)
    Hero Image
    गन्ने की फसल को लाल सड़न रोग का प्रकोप

    संवाद सूत्र, जगदीशपुर। पिछले कई वर्षों से रेड राट (लालसर) रोग के चलते किसानों के खेत गन्ना सूखने के कारण उत्पादन में कमी आई थी। लालसर रोग फैलने का समय अगस्त से अक्टूबर तक होता है। ऐसे में मझौलिया चीनी मिल की ओर से किसानों को जागरुक किया जा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    किसानों को नियमित खेतों में जाने की बात कही जा रही थी। बताया जाता है कि लालसर रोग से गन्ना की पत्तियां सूखने लगती है और गन्ना का रंग लाल व भूरा दिखाई देने लगता है। बोलचाल के भाषा में इस रोग को गन्ना का कैंसर कहा जाता है।

    लालसर रोग से बचाव को लेकर मझौलिया चीनी मिल के गन्ना विकास विभाग की ओर से वाट्सएप ग्रुप पर एडवाइजरी दी गई है। एडवाइजरी में बताया गया है कि जैसे ही गन्ना के पत्ते सूखने लगे और गन्ना लाल या भूरा दिखाई देने लगे तो किसानों को समझ लेना चाहिए कि उनके फसल में लालसर रोग का प्रकोप शुरु हो गया है। इस रोग से बचाव के लिए कीटनाशक का छिड़काव करने की सलाह दी गई है।

    ऐसे करें लालसर रोग से बचाव

    चीनी मिल के मुख्य गन्ना प्रबंधक अखिलेश सिंह ने बताया कि लालसर रोग से बचाव के लिए उपचार जरुरी होता है। चीनी मिल की ओर से दवा की मात्रा की जानकारी दी गई है। उसका उपयोग कर छिड़काव करें।

    चार किलोग्राम ट्राइकोडरमा गोबर की खाद में मिलाकर 4 से 6 दिन तक ठंडे जगह पर रखकर पानी का फुहारा देते हुए उलट-पुलट कर नमी की अवस्था में खेत में गन्ना की लाइनों के बीच में छिड़काव करने की सलाह दी है। कीटनाशक के छिड़काव से लालासर रोग के प्रकोप को बहुत हद तक नियंत्रण में किया जा सकता है।

    लालसर रोग से बचाव के लिए नियमित खेत की निगरानी करना जरुरी है। ताकि जब गन्ने की पत्तियां सूखने लगे तो रोग की जानकारी समय से हो जाए। उसके बाद आवश्यक दवाओं का छिड़काव कर गन्ने को रोक मुक्त किया जा सकता है। - शैलेंद्र कुमार त्रिपाठी, गन्ना महाप्रबंधक, मझौलिया चीनी मिल