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जलेबी की दुकान से MLC का सफर: बालू के धंधे ने बनाया 'सेठ'; जानिए- कैसे इनकम टैक्स की रडार पर आए राधा चरण सेठ

राधा चरण साह सेठ के पास 70 के दशक में कारोबार के नाम पर एक मिठाई की दुकान थी। 2015 में उन्होंने पहली बार एमएलसी का चुनाव लड़ा। बालू के कारोबार ने उन्हें करोड़पति बना दिया। आइए आपको उनसे जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं।

By Aditi ChoudharyEdited By: Aditi ChoudharyTue, 07 Feb 2023 12:04 PM (IST)
जलेबी की दुकान से MLC का सफर: बालू के धंधे ने बनाया 'सेठ'; जानिए- कैसे इनकम टैक्स की रडार पर आए राधा चरण सेठ
जदयू के विधान पार्षद राधा चरण साह के विभिन्न ठिकानों पर आयकर का छापा। तस्वीर- सोशल मीडिया

पटना, जागरण डिजिटल डेस्क। आरा-बक्सर निकाय क्षेत्र से निर्वाचित विधान पार्षद सह जदयू के प्रदेश महासचिव राधा चरण साह उर्फ सेठ और उनके कारोबार के विभिन्न ठिकानों पर आयकर विभाग ने शिकंजा कस दिया है। मंगलवार की सुबह से आरा, पटना, दिल्ली समेत कई जगहों पर देशव्यापी छापेमारी जारी है। आरा में आयकर विभाग की टीम विधान पार्षद के बाबू बाजार स्थित आवास, अनाईठ आवास, रमना मैदान शहीद भवन स्थित होटल, बाइपास रोड स्थित रिजॉर्ट पर छापेमारी कर रही है। 

चर्चा है कि बालू के धंधे से अर्जित अथाह संपत्ति के मामले में इनकम टैक्स ने यह कार्रवाई की है। आरा-बक्सर स्थानीय प्राधिकार के बिहार विधान परिषद के चुनाव में राजग (NDA) प्रत्याशी के तौर पर जदयू नेता राधा चरण ने लगातार दूसरी बार जीत हासिल की थी। राधा चरण साह बिहार की राजनीति में जाना-माना नाम है। जदयू के कई शीर्ष नेता उनके करीबी माने जाते हैं।

हालांकि, राजनीति में राधा चरण साह का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। बड़हरा प्रखंड के मूल निवासी राधा चरण साह 70 के दशक में आरा रेलवे स्टेशन के बाहर जलेबी की दुकान चलाते थे। राधा चरण साह के मिठाई दुकानदार से एमएलसी बनने तक का सफर काफी दिलचस्प है। शिक्षा की बात करें तो अपना नाम-पता लिख लेते हैं। नोटों की गिनती भी अच्छे से आती है। किस्मत ऐसी है कि जिस भी काम में हाथ आजमाते हैं, बुलंदियों पर पहुंच जाते हैं।

मिठाई की दुकान चलाते-चलाते राधा चरण सेठ होटल के मालिक बन गए। इसके बाद जमीन के कारोबार में उतरे। काम अच्छा चला। फिर जब बिहार सरकार ने बालू के ठेके का आवंटन करना शुरू किया तो राधा चरण यहां भी पीछे नहीं रहे। बालू की ठेकेदारी करते-करते राधा चरण साह की गिनती शहर के रईसों में होने लगी।राधा चरण साह लंबे समय से बालू सिंडिकेट से भी जुड़े रहे हैं। भोजपुर के कोईलवर, बिहटा के परेव पटना, औरंगाबाद और गया के बड़े बालू कारोबारियों से इनके अच्छे संबंध रहे हैं। 

राधा चरण सिंह के अलावा हरखेन कुमार जैन के यहां भी छापेमारी चल रही है। हरखेन कुमार जैन एक जमाने में आरा के सबसे बड़े व्यवसायी और सबसे ज्यादा संपत्ति वाले व्यक्ति रहे हैं। चर्चा है कि दो साल पहले हरखेन जैन ने आरा में कई जगह अपनी संपत्ति का बहुत बड़ा हिस्सा राधा चरण सेठ को बेच दिया था। वहीं, कोईलवर नगर पंचायत के पठानटोली वार्ड सात निवासी एक बालू कारोबारी के घर पर भी इनकम टैक्स की छापेमारी चल रही है। बालू कारोबारी ब्राडसन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक भी रहे हैं।

हालांकि, आमतौर पर देखा जाता है कि बिहार में रियल एस्टेट और बालू कारोबार से जुड़े लोग बाहुबली छवि के होते हैं, लेकिन राधा चरण के मामले में ऐसा नहीं है। बताया जाता है कि काफी संघर्ष करने के बाद राधा चरण साह ने एक बड़े चेहरे के रूप में खुद को स्थापित किया। इनकी कामयाबी की सबसे बड़ी वजह इनका मिलनसार स्वभाव भी है। राधाचरण की खासियत है कि चाहे कोई भी मसला हो, उनके बात करने का लहजा हमेशा सौम्य रहता है। यही कारण है कि प्रेम भाव से लोग इन्हें सेठ जी बोलते हैं।

राधा चरण साह ने पहली बार साल 2015 में आरजेडी कोटे से एमएलसी का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में आरा-बक्सर सीट से आरजेडी का टिकट लेकर राधा चरण ने सबको चौंका दिया था। उस दौर में सेठ लालू यादव के परिवार के बेहद खास माने जाते थे। उस चुनाव में राजग गठबंधन के प्रत्याशी हुलास पांडेय को उन्होंने 329 मतों से हराया था। बाद में पार्टी बदलकर जदयू में चले आए। फिर 2022 में जदयू प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने दूसरी बार विधान परिषद का चुनाव जीता।

आरा में राधा चरण सेठ के रमना मैदान शहीद भवन स्थित होटल, बाइपास रोड स्थित रिजॉर्ट के अलावा बात की जाए तो उत्तराखंड और हिमाचल में भी उनका होटल का व्यवसाय है। अभी पांच फरवरी को सेठ के बड़े बेटे कन्हैया साह की शादी की 25वीं वर्षगांठ भी मनाई गई थी। बाईपास स्थित रिजॉर्ट में पूरा आयोजन हुआ था, जिसमें राजनीतिक दलों के नेताओं से लेकर बड़ी-बड़ी व्यापारिक हस्तियां भी शामिल हुई थीं।