भोजपुर में पूर्व आईपीएस के भाजपा में शामिल होने पर गरमाई क्षेत्र की राजनीति
शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रसौन्डा के रहने वाले हैं। उनके पार्टी में शामिल होने समय भी क्षेत्र के सैकड़ों लोग उपस्थित थे। इसका मुख्य कारण उनका क्षेत्र में जमीन से जुड़ा होना भी बताया जाता है। आनंद मिश्र युवाओं में काफी लोकप्रिय है। पटना में पार्टी कार्यालय में जैसे ही वो पार्टी में शामिल हुए शाहपुर विधानसभा में हलचल मच गई।
संवाद सूत्र,शाहपुर(भोजपुर)। भाजपा द्वारा क्षेत्र के पूर्व आईपीएस आनंद मिश्र को पार्टी में शामिल कर अपने विरोधियों को कड़ा संदेश दे रही है। वही क्षेत्र की राजनीति में भी गरमाहट महसूस की जा रही। इसके साथ ही क्षेत्र में पूर्व आइपीएस की छवि काफी स्वच्छ व मृदुभाषी रही है। जिसके कारण हर वर्ग के लोगो मे उनका अपना क्रेज हैं।
सबसे बड़ी बात है कि शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के प्रसौन्डा के रहने वाले हैं। उनके पार्टी में शामिल होने समय भी क्षेत्र के सैकड़ों लोग उपस्थित थे। इसका मुख्य कारण उनका क्षेत्र में जमीन से जुड़ा होना भी बताया जाता है। आनंद मिश्र युवाओं में काफी लोकप्रिय है। पटना में पार्टी कार्यालय में जैसे ही वो पार्टी में शामिल हुए शाहपुर विधानसभा में हलचल मच गई।
लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बन गया। सोशल मीडिया पर पर भी उनका भाजपा में शामिल होने पर काफी पोस्ट आने लगे। हालांकि भाजपा से जुड़े क्षेत्र के बड़े नेताओं में भीतर खाने बड़ी हलचल मची हुई है। लेकिन कोई कुछ प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है। यही हाल विपक्ष का ही है, जो फिलहाल सीधे उनपर कुछ नही बोल रही है। लेकिन जनता व भाजपा पार्टी से जुड़े लोग इसको लेकर काफी उत्साहित हैं।
क्षेत्र के राजनीतिक पर यदि गौर करे तो पिछले बीस वर्षों से भाजपा ने शाहपुर विधानसभा ने एक ही परिवार पर दांव खेला है। जिसमें वर्ष 2005 में भाजपा ने पहली बार शाहपुर के ओझवलिया गांव निवासी मुक्तेश्वर ओझा उर्फ भुअर ओझा की पत्नी व विशेश्वर ओझा की भवह मुन्नी देवी चुनावी मैदान में उतारा। चुनाव में उन्होंने तत्कालीन राजद में चाणक्य कहे जाने वाले शिवानंद तिवारी जैसे दिग्गज को हराया।
इसके बाद वर्ष 2010 में भी मुन्नी देवी दूसरी बार राजद के धर्मपाल सिंह को हराया। लेकिन वर्ष 2015 में पार्टी ने सीटिंग विधायक मुन्नी देवी का टिकट काट दिया। उनके स्थान पर उनके ही जेठ विशेश्वर ओझा को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया और उन्हें शाहपुर से पार्टी का उम्मीदवार घोषित कर दिया। लेकिन इस चुनाव में शिवानंद तिवारी के पुत्र सह राजद के प्रत्याशी राहुल तिवारी ने उन्हें पराजित किया।
इसके पश्चात वर्ष 2020 के चुनाव में भाजपा ने पुनः मुन्नी देवी को चुनाव मैदान में उतारा। लेकिन इसबार उनकी जेठानी सह स्व.विशेश्वर ओझा की पत्नी शोभा देवी भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ी। जिसमे उनके पुत्र राकेश विशेश्वर ओझा ने चुनावी कमान संभाली। लेकिन देवरानी व जेठानी के आपसी लड़ाई में राजद के प्रत्याशी राहुल तिवारी ने दूसरी बार भी बाजी मार ली। इस तरह परिवार के राजनीति में यह सीट पिछले दो बार से पार्टी के हाथ से फिसलती रही है। लेकिन इसबार क्षेत्र के ही असम कैंडर के पूर्व आईपीएस आनंद मिश्र के जरीएं पार्टी के तेवर काफी विरोधियों को कड़ा संदेश दे रही है। वही यह भी देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी द्वारा परिवार पर ही दाव लगाया जाएगा या फिर!
आनंद मिश्र को शामिल होने पर लगा बधाइयों का तांता
क्षेत्र के पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा के भाजपा में शामिल होने पर भाजपा एवं उनके समर्थ को द्वारा उनके उन्हें बधाई दी गई बधाई देने वालों में भाजपा के जिला प्रवक्ता संतोष तिवारी, खांटी एग्रो के निदेशक उमेश चंद्र पांडे, हाई कोर्ट के अधिवक्ता अभय कुमार पांडे, कृषि ग्रीन सेंटर के संचालक श्याम सुंदर सिंह कुशवाहा, शिक्षाविद मिथिलेश कुमार मिश्रा, मुक्तेश्वर मिश्रा उर्फ सरजी, सोनू गुप्ता, हरेंद्र यादव उर्फ पिंटू भैया, पिंकू गुप्ता सहित सैकड़ों लोग शामिल है।
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