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    Bihar Election 2025: भोजपुर जिले में NDA को वापसी की आस, गढ़ बचाने के लिए महागठबंधन ने चला ये दांव

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 03:46 PM (IST)

    भोजपुर जिले में बिहार चुनाव 2025 (Bhojpur Assembly Election) की तैयारी शुरू हो गई है। एनडीए 2010 के प्रदर्शन को दोहराना चाहता है, जबकि महागठबंधन को अपने गढ़ को बचाने की चिंता है। दोनों गठबंधन अपनी-अपनी रणनीति बनाने में लगे हैं। एनडीए विकास और महागठबंधन सामाजिक न्याय के मुद्दे पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।

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    भोजपुर में सियासी दांव-पेच तेज। फाइल फोटो

    कंचन किशोर, आरा। 2005 से बिहार की सत्ता पर काबिज नीतीश सरकार-1 के बाद हुए 2010 के विधानसभा चुनाव में भोजपुर जिले में राजग (तब जेडीयू-भाजपा गठबंधन) का प्रदर्शन सबसे मजबूत माना गया था।

    गठबंधन ने जिले की सात में से पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी और भोजपुर बेल्ट में अपनी पकड़ का स्पष्ट संकेत दिया था। इसी पुराने प्रदर्शन को आधार बनाते हुए इस बार भी राजग का स्थानीय नेतृत्व 15 साल पहले के ‘रीपीट रिजल्ट’ की उम्मीद जताने लगा है।

    मतदान समाप्त होते ही दोनों गठबंधन बूथ-स्तर पर समीक्षा में जुट गए हैं। प्रभारियों से रिपोर्ट लेकर प्रत्येक बूथ पर हुए अनुमानित वोट-शेयर का जोड़-घटाव किया जा रहा है। किस वर्ग का रुझान किस ओर गया, किस क्षेत्र में टूट-फूट या स्विंग रहा, इसकी आंतरिक रिपोर्ट के आधार पर नफा-नुकसान का आकलन जारी है।

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    2010 के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से आरा, अगिआंव, संदेशऔर शाहपुर में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। जबकि, एक सीट तरारी पर जदयू को सफलता मिली थी। भाजपा की ओर से अगिआंव सुरक्षित सीट से शिवेश राम, आरा से अमरेन्द्र प्रताप सिंह, संदेश से संजय सिंह टाइगर और शाहपुर से मुन्नी देवी ने अच्छे अंतर से चुनाव में जीत दर्ज की।

    वहीं, तरारी में सुनील पांडेय जदयू के ध्वज वाहक बजे। उस चुनाव में राजद को बड़हरा और जगदीशपुर में सफलता मिली थी। वर्तमान चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी राघवेंद्र प्रताप सिंह तब राजद के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी, जबकि प्रचंड लहर के बावजूद एनडीए जगदीशपुर में राजद का किला भेदने में असफल रहा था और लालू प्रसाद के सिपहसलार दिनेश यादव चुनाव जीते थे।

    2015 के चुनाव में जदयू भी महागठबंधन का हिस्सा था और भोजपुर के सभी सीटो पर खेल पलट गया। एनडीए को सात में से एक सीट भी नसीब नहीं हुई। महागठबंधन में रहते हुए जदयू के प्रभुनाथ राम ने अगिआंव से जीत दर्ज की।

    जदयू का वोट महागठबंधन में स्थानांतरित होने से राजद के सरोज यादव बड़हरा, मो.नवाज आलम आरा, अरुण यादव संदेश, राहुल तिवारी शाहपुर और रामबिशुन लोहिया जगदीशपुर से चुनाव जीते। 2015 में भाकपा माले महागठबंधन में नहीं था और तरारी से सुदामा प्रसाद के रूप में पार्टी को एक सीट पर जीत मिली।

    2020 में भाकपा माले के शामिल होने से बढ़ी महागठबंधन की ताकत

    2020 के चुनाव में जदयू एनडीए का हिस्सा था, लेकिन महागठबंधन ने अपने कुनबे में भाकपा माले को शामिल कर समीकरण में जदयू के बाहर जाने के नुकसान की भरपायी कर ली। इसका असर चुनाव पर पड़ा और सात में पांच सीट पर महागठबंधन को सफलता मिली।

    इनमें राजद को संदेश, शाहपुर और जगदीशपुर सीट पर जीत मिली। वहीं, माले दो सीट तरारी और अगिआंव जीतने में सफल रहा। भाजपा ने एनडीए की कुछ लाज बचाई और बड़हरा एवं आरा सीट मामूली अंतर से जीत गई।

    इस बार का चुनाव और मतदान का ट्रेंड अलग कहानी कह रहा है। ऐसे में महागठबंधन के लिए यह चुनाव परंपरागत गढ़ बचाने की चुनौती जैसा बन गया है।

    भोजपुर में पिछले तीन चुनावों में जीते दल और प्रत्याशी

    विधानसभा क्षेत्र 2010 2015 2020
    अगिआंव (सु.) शिवेश राम (भाजपा) प्रभुनाथ राम (जदयू) मनोज मंजिल (भाकपा माले)
    बड़हरा राघवेंद्र प्रताप (राजद) सरोज यादव (राजद) राघवेंद्र प्रताप (भाजपा)
    आरा अमरेंद्र प्रताप (भाजपा) मो. एन. आलम (राजद) अमरेंद्र प्रताप (भाजपा)
    संदेश संजय टाइगर (भाजपा) अरुण यादव (राजद) किरण देवी (राजद)
    तरारी सुनील पांडेय (जदयू) सुदामा प्रसाद (माले) सुदामा प्रसाद (माले)
    शाहपुर मुन्नी देवी (भाजपा) राहुल तिवारी (राजद) राहुल तिवारी (राजद)
    जगदीशपुर दिनेश यादव (राजद) रामविशुन लोहिया (राजद) रामविशुन लोहिया (राजद)

    नोट- 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में सुदामा प्रसाद आरा से जीत दर्ज कर लोकसभा पहुंच गए और उपचुनाव में अगिआंव से माले के शिवप्रकाश रंजन और तरारी से भाजपा के प्रशांत विशाल ने जीत दर्ज की।