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    डाकघर की बड़ी पहल: महिलाओं को आर्थिक मजबूती देने के लिए ‘महिला सम्मान बचत योजना’ से नई उड़ान

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 02:49 PM (IST)

    डाकघर ने महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए 'महिला सम्मान बचत योजना' शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को बचत के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना है। डाकघर का लक्ष्य है कि अधिक से अधिक महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकें और अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकें।

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    डाकघर योजना

    जागरण संवाददाता, आरा(भोजपुर)। महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए डाक विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना’ को अब भोजपुर जिले के सभी डाकघरों में शुरू कर दिया गया है।

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    डाक अधीक्षक नीरज कुमार ने बताया कि यह योजना ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों की महिलाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है और उन्हें सुरक्षित निवेश के साथ मजबूत वित्तीय सुरक्षा प्रदान कर रही है।

    इस योजना का मकसद महिलाओं में बचत की आदत विकसित करना और उन्हें आर्थिक निर्णय लेने के प्रति जागरूक बनाना है। योजना के तहत महिलाएं दो वर्ष की अवधि के लिए निवेश कर सकती हैं, जिस पर 8 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर दी जाएगी।

    यह ब्याज तिमाही आधार पर चक्रवृद्धि ब्याज के रूप में जोड़ा जाएगा। योजना में न्यूनतम 1,000 रुपये और अधिकतम 2 लाख रुपये तक निवेश की सुविधा है।

    महिलाओं के लिए सबसे बड़ी राहत यह है कि निवेश के एक वर्ष पूरे होने के बाद 40 प्रतिशत राशि आंशिक रूप से निकाली जा सकती है। यह सुविधा आपात स्थितियों के समय महत्वपूर्ण सहारा देती है।

    डाक अधीक्षक के अनुसार, यह योजना महिलाओं को बचत की नई दिशा देने के साथ उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बना रही है।

    इसके अलावा, केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से अन्य छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी की है, जिसका लाभ किसानों, छोटे व्यापारियों, वरिष्ठ नागरिकों और विशेष रूप से महिलाओं को मिलेगा।

    दो साल में बनेगी ‘लखपति महिला’

    यदि कोई महिला इस योजना में अधिकतम 2 लाख रुपये निवेश करती है, तो दो साल में उसे ब्याज सहित लगभग 2 लाख 27 हजार रुपये प्राप्त होंगे। यानी महिलाएं सुरक्षित निवेश के साथ सिर्फ दो वर्ष में ‘लखपति’ बन सकती हैं।

    यही वजह है कि यह योजना महिलाओं के बीच एक विश्वसनीय और आकर्षक निवेश विकल्प बन चुकी है।

    खाता खोलने के लिए महिलाओं को आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे केवाईसी दस्तावेज़ों के साथ पे-इन स्लिप या चेक लेकर निकटतम डाकघर में जाना होगा।

    नाबालिग लड़कियों के नाम से खाता खोलने की सुविधा भी उपलब्ध है, जिसे उनके अभिभावक संचालित कर सकते हैं।

    डाकघर की यह पहल ग्रामीण भारत में महिला सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।

    आने वाले वर्षों में यह योजना लाखों महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और सशक्तिकरण की नई राह दिखाएगी।