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    बिहार में पशुओं में तेजी से फैल रही है ये गंभीर बीमारी, पशुपालक चिंतित

    बिहिया प्रखंड में लम्पी चर्म रोग तेजी से फैल रहा है जिससे पशु संक्रमित हो रहे हैं। पशुओं के शरीर पर सूजन और घाव हो रहे हैं जिससे दूध उत्पादन प्रभावित हो रहा है। पशुपालक इलाज के लिए भटक रहे हैं। टीकाकरण अभियान चल रहा है लेकिन कई पशु बिना टैग के हैं जिससे पशुपालकों में चिंता है। प्र

    By Kaushal Kumar Mishra Edited By: Rajesh Kumar Updated: Mon, 18 Aug 2025 06:37 PM (IST)
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    बिहिया प्रखंड में लम्पी चर्म रोग तेजी से फैल रहा है, जिससे पशु संक्रमित हो रहे हैं। जागरण

    जागरण संवाददाता, बिहिया (आरा)। प्रखंड क्षेत्र में पशुओं के लिए लम्पी चर्म रोग (एलएसडी) एक समस्या बनकर उभरा है। यह बीमारी गांव-गांव में तेजी से फैल रही है। जिससे पशु संक्रमित हो रहे हैं। संक्रमित पशुओं के शरीर पर सूजन, गांठ व घाव हो रहे हैं, जिससे उनकी स्थिति गंभीर होती जा रही है।

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    बीमारी के कारण दूध उत्पादन प्रभावित होने की संभावना बढ़ती जा रही है। पशुपालक इलाज के लिए कभी अंग्रेजी तो कभी होम्योपैथिक चिकित्सकों के पास भटकते नजर आ रहे हैं।

    बिहिया नगर स्थित पॉपुलर होमियो हॉल के संचालक डॉ. अब्दुल्ला ने बताया कि प्रतिदिन दर्जनों पशुपालक विभिन्न गांवों से दवा लेने आ रहे हैं। कुछ पशु पहले से ही लम्पी की चपेट में आ चुके हैं, जबकि कुछ लोग इससे बचाव के लिए दवा ले रहे हैं।

    पशुपालक बिंदा सिंह ने बताया कि बीमार पशु न तो चारा खा पा रहे हैं और न ही पानी पी पा रहे हैं। पूरे शरीर पर गांठ जैसी चीज निकल रही है। समय पर दवा नहीं मिलने पर गांठ फट भी जा रही है। पशु कमजोर होकर कई दिनों तक जमीन पर बैठे रह रहे हैं और फिर उठने में परेशानी हो रही है।

    थोड़ी सी भी लापरवाही हुई तो पशु की मौत भी संभव है। बताया जाता है कि यह बीमारी मच्छर, मक्खी और कीड़ों से फैलती है और एक पशु से दूसरे पशु में संक्रमण तेजी से फैलता है।

    बिहिया शहर स्थित सरकारी पशु अस्पताल के कर्मी राजू कुमार ने बताया कि इस बीमारी से बचाव के लिए प्रखंड क्षेत्र में टीकाकरण अभियान चल रहा है। लेकिन टीका उन्हीं पशुओं को लगाया जा रहा है जिनके कान में पहले से टैग लगा है। इसके अलावा गर्भवती मादा पशुओं को टीका नहीं लगाना है। जो पशु पहले से संक्रमित हो चुके हैं उन्हें भी टीका नहीं लगाना है।

    सवाल उठता है कि जब संक्रमण फैल ही गया है तो अब टीकाकरण क्यों। यह अभियान पहले क्यों नहीं चलाया गया? प्रखंड में सैकड़ों पशु बिना टैग के हैं और गर्भवती हैं, उनका क्या होगा, पशुपालक इसका जवाब ढूंढ रहे हैं। पशुपालकों ने मांग की है कि प्रशासन तत्काल कैंप लगाकर बीमार पशुओं का इलाज कराए।