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    KK Pathak के कोप से बचने के लिए बिना वेतन छुट्टी ले रहे टीचर, एफिलेटेड कॉलेज के 26 असिस्टेंट प्रोफेसर निलंबित

    By rana amresh singhEdited By: Mohit Tripathi
    Updated: Tue, 01 Aug 2023 09:42 PM (IST)

    बिहार उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की सख्ती का असर अब एफिलेटेड कॉलेजों पर भी पड़ रहा है। इन कॉलेजों की पहले कोई मॉनीटरिंग नहीं होती थी। संस्थान केवल डिग्री बांटने का केंद्र बन गए थे। मॉनीटरिंग होने से अब इनकी पोल खुल रही है। कॉलेजों में अनुपस्थित रहने वाले 27 असिस्टेंट प्रोफेसरों पर गाज गिर चुकी है।

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    KK Pathak के प्रकोप से बचने के लिए बिना वेतन छुट्टी ले रहे अनुपस्थित टीचर। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, आरा: बिहार उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की सख्ती का असर अब एफिलेटेड कॉलेजों पर भी पड़ रहा है। इन कॉलेजों की पहले कोई मॉनीटरिंग नहीं होती थी। संस्थान केवल डिग्री बांटने का केंद्र बन गए थे।

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    मॉनीटरिंग होने से अब इनकी पोल खुल रही है। कॉलेजों में अनुपस्थित रहने वाले 27 असिस्टेंट प्रोफेसरों पर गाज गिर चुकी है। दो दर्जन से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसरों से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

    शिक्षकों में केके पाठक का खौफ

    लंबे समय तक अनुपस्थित रहने पर शिक्षकों ने बिना वेतन की छुट्टी ले ली है, ताकि केके पाठक के कोप से बचा जा सके। विश्वविद्यालय के 19 अंगीभूत और 33 एफिलेटेड कॉलेजों के शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की प्रतिदिन विश्वविद्यालय में दोपहर एक बजे तक उपस्थिति जाती है, जिसे विवि प्रशासन ई-मेल के माध्यम से दोपहर तीन बजे शिक्षा विभाग को भेजता है।

    शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पद संभालने के कुछ ही दिनों बाद सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। स्कूली शिक्षा को लेकर बेहद गंभीर दिख रहे हैं, उच्च शिक्षा अंतर्गत कॉलेजों का औचक निरीक्षण नहीं करते हैं। शिक्षकों की उपस्थिति उनकी प्राथमिकता सूची में मानी जाती है।

    कॉलेज भेज रहे फर्जी हाजिरी

    कॉलेजों की ओर से विश्वविद्यालय को फर्जी उपस्थिति भेजी रही है। इसका खुलासा उस समय उच्च शिक्षा के टीम ने किया, जब कॉलेज में जाकर औचक निरीक्षण किया। जिन कॉलेजों का उपस्थिति भेजा था, उसका डाटा गलत भरा गया था।

    उच्च शिक्षा विभाग की टीम ने संबद्ध कॉलेज के गैरहाजिर शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसमें तपेश्वर सिंह इंदू डिग्री में दो शिक्षक और दो शिक्षकेत्तर कर्मचारी से स्पष्टीकरण मांगा था, जिसे कॉलेज की ओर से दे दिया गया है।

    विभाग ने कॉलेजों के औचक निरीक्षक के लिए बनाई टीम

    उच्च शिक्षा विभाग ने वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कॉलेज और विद्यालयों के औचक निरीक्षण के लिए जांच दल बनाया है। पहले विभा कुमारी को औचक निरीक्षण का भार सौंपा गया था, अब वीर कुंवर विश्वविद्यालय की जिम्मेवारी सतीश चंद्र झा के पास है।

    जिन कॉलेजों में उपस्थिति भेजने में दोष है, उन कॉलेजों का यह दल औचक निरीक्षण करके अनुपस्थित शिक्षक और कर्मचारियों पर कार्रवाई कर रहा है। अभी तक अंगीभूत कॉलेजों के 160 से अधिक कर्मचारी गैर हाजिर मिले हैं।