Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भोजपुर के चुनावी इतिहास के रोचक पहलू... सबसे कम और सबसे ज्यादा वोट से जीत के रिकॉर्ड

    Updated: Sat, 27 Sep 2025 04:18 PM (IST)

    भोजपुर जिले के चुनावी इतिहास में कई दिलचस्प जीत-हार देखने को मिली हैं। 1952 में राधा मोहन राय सिर्फ 25 वोटों से जीते थे जो एक रिकॉर्ड था। वहीं 2020 में मनोज मंजिल ने 53222 वोटों से जीत हासिल कर नया रिकॉर्ड बनाया। पहले कम वोट पाकर भी विधायक बन जाते थे लेकिन अब परिदृश्य बदल गया है।

    Hero Image
    25 वोट से चुनाव जीत राधा मोहन बने विधायक

    धर्मेंद्र कुमार सिंह,आरा(भोजपुर)। भोजपुर जिले के विधानसभा चुनावी इतिहास में जीत और हार का अंतर हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। 1952 के पहले आम चुनाव से लेकर 2020 तक जिले में कई बार रोमांचक मुकाबले हुए हैं, लेकिन दो रिकॉर्ड आज भी खास हैं- सबसे कम वोट से जीत और सबसे ज्यादा वोट से जीत।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    1952 (उस समय तरारी-कम पीरो क्षेत्र) में समाजवादी पार्टी के राधा मोहन राय ने कांग्रेस के शिवपूजन राय को महज 25 वोटों से हराकर इतिहास रचा था। उन्हें 16,340 मत मिले, जबकि शिवपूजन को 16,315 वोट मिले। यह अब तक का सबसे कम वोटों के अंतर से जीतने का रिकॉर्ड है, जो 68 साल बाद 2020 तक कायम था। इस बार 2025 के चुनाव में देखना है इसी तरह का कोई रिकॉर्ड बनता है या नहीं?

    इसके बाद 1985 में पीरो से कांग्रेस के रघुपति गोप ने राधा मोहन को सिर्फ 99 वोट से हराया था। वहीं 2015 में तरारी से भाकपा (माले) के सुदामा प्रसाद ने लोजपा की गीता पांडेय को 272 वोटों से हराकर तीसरा सबसे कम अंतर का रिकॉर्ड बनाया। दूसरी ओर, सबसे ज्यादा वोटों से जीतने का रिकॉर्ड कई बार बदला। फरवरी 2005 में जेडीयू के सुनील पांडेय ने पीरो से 35,679 वोटों के अंतर से राजद प्रत्याशी को हराया। उसी चुनाव में अगिआंव से माले के रामनरेश राम ने भी 34,040 वोटों के अंतर से बाजी मारी।

    1985 में कांग्रेस के बिंदेश्वरी दुबे ने जनसंघ के शिवानंद तिवारी को 29,680 वोट से हराकर रिकॉर्ड बनाया था। लेकिन ये सभी रिकॉर्ड वर्ष 2020 के अगिआंव विधानसभा चुनाव में टूट गया, जब भाकपा (माले) के मनोज मंजिल ने जेडीयू के प्रत्याशी प्रभुनाथ राम को ऐतिहासिक 53,222 वोटों के अंतर से शिकस्त दी। मनोज को रिकॉर्ड 1,08,778 मत मिले जबकि प्रभुनाथ को 55,556 वोट ही मिल पाए। यह आज तक का भोजपुर जिले में सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड है।

    महज 16,340 मत लाकर भी विधायक बन जाते थे प्रत्याशी

    भोजपुर जिले के चुनावी इतिहास पर नजर डाले तो प्रारंभ के दिनों में महज 16,340 मत लाकर भी विधायक बन जाते थे प्रत्याशी। इसका प्रमाण था वर्ष 1952 का पहला विधानसभा चुनाव। पीरो विधानसभा से राधा मोहन राय ने 16,340 मत लाया जबकि उनके प्रतिद्वंदी शिवपूजन राय ने 16,315 मत लाया था। 25 मतों से उसे उन्होंने हरा दिया।

    आज के बदलते परिवेश में स्थिति पूरी तरह से बदल गई है। अब कोई भी प्रत्याशी 16 हजार, 25 हजार य 50 हजार लाकर जल्द चुनाव नहीं जीत सकता है बल्कि उसे 75 हजार और एक लाख से ज्यादा मत लाने पड़ रहे हैं, तब जाकर उसकी जीत सुनिश्चित हो रही है।