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    स्टेट हाइवे पर से पानी निकालने के लिए काट दिया नाला, लोग बिजली पोल रखकर कर रहे आना-जाना

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 03:52 PM (IST)

    चरपोखरी और अमोरजा बाजारों में जल निकासी की कमी से बरसात में जलजमाव होता है। आरा-सासाराम हाईवे के किनारे पक्के नाले की मांग अनसुनी रही। प्रशासन ने जेसीबी से अस्थायी कच्चे नाले खोदे जो चार-पांच फीट गहरे हैं इससे लोगों की परेशानी बढ़ी। घरों तक पहुंचने और दुकानों के कारोबार पर असर पड़ा। स्थानीय लोग पक्के नाले की मांग कर रहे हैं।

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    जवनिया गांव को अब 30 किमी दूर बसाने की तैयारी

    संवाद सूत्र, चरपोखरी(आरा)। भोजपुर जिले के चरपोखरी प्रखंड के चरपोखरी और अमोरजा बाजारों में जल निकासी की समस्या ने स्थानीय लोगों और दुकानदारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इन बाजारों से होकर गुजरने वाले आरा-सासाराम स्टेट हाईवे के किनारे जल निकासी के लिए कोई उचित व्यवस्था या बड़ा नाला नहीं होने के कारण हर साल बरसात में यहां जलजमाव की स्थिति बनी रहती है।

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    स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे लंबे समय से स्टेट हाईवे के किनारे पक्के नाले के निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। इस बार, सड़क से जल निकासी को स्थानीय अधिकारियों के निर्देश पर जेसीबी का उपयोग करके सड़क के एक तरफ फुटपाथ को तोड़ते हुए कच्चे और अस्थायी नाले खोद दिए हैं।

    इन नालों ने लोगों की परेशानी कम करने की बजाय और बढ़ा दी है। चरपोखरी निवासी सुजीत कुमार,मुन्ना,गुड्डू कुमार,विक्की कुमार, जयचंद सिंह सहित अन्य का कहना है कि प्रशासन विकास के कार्यों पर पर्दा डालते हुए पक्के नाले के बजाए सड़क किनारे युही खोदवा कर छोड़ दिया है,अगर सचमुच में जलजमाव से निपटने के लिए कोई योजना अगर है तो उसके लिए पक्का नाला निर्माण होना चाहिए था।

    सड़क के पूर्वी तरफ रहने वाले लोगों के लिए यह करहा जैसा कच्चा नाला एक बड़ी बाधा बन गया है। उन्हें अपने घरों से सड़क तक पहुंचने के लिए तख्तों, बिजली के खंभों, और पत्थरों का सहारा लेना पड़ रहा है। इस स्थिति ने दुकानों के कारोबार को भी बुरी तरह प्रभावित किया है।

    स्थानीय लोगों का आरोप है कि पिछले साल भी इसी तरह कच्चे नाले खोदकर छोड़ दिए गए थे, जिससे कोई समाधान नहीं निकला। इस बार तो पहले से भी ज्यादा गहरा, लगभग चार से पांच फीट, गड्ढा खोद दिया गया है।

    लोगों का कहना है कि हर साल बरसात में हमारे घरों के आगे गड्ढे खोद दिए जाते हैं। अमोरजा बाजार निवासी शशिकांत ने प्रशासन पर अपनी नाकामियों को छुपाने का आरोप लगा रहे हैं।

    उनका कहना है कि स्थायी समाधान के रूप में एक पक्का नाला बनाना कहीं बेहतर होता।न कि कच्चा नाला बनाकर नदी या नहर में ले जाने के बजाए किसी के घर के आगे उसे छोड़ देना,यह अस्थायी और अधूरा काम सैकड़ों लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है।